Lockdown in Gorakhpur : रमजान का महीना 25 अप्रैल से, तरावीह की नमाज पर संशय Gorakhpur News
यदि लाकडाउन बढ़ा तो 25 अप्रैल से शुरू हो रहे मुकद्दस महीना रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह (कुरान का पाठ) की नमाज पर भी संशय है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के मद्देनजर हुए लॉकडाउन के चलते तीन सप्ताह से मस्जिदों में नमाज नहीं हो रही है। यहां तक की जुमे के दिन भी घरों में नमाज पढ़ी जा रही है। ऐसे में 25 अप्रैल से शुरू हो रहे मुकद्दस महीना रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह (कुरान का पाठ) की नमाज पर भी संशय है। हालांकि इस बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन लोगों को लगता है कि इस बार तरावीह की नमाज घर में ही अदा करनी पड़ेगी। लोग इस बाबत उलेमा-ए-कराम से भी संपर्क कर रहे हैं।
दो माह पहले ही तय
दरअसल चांद के दीदार के साथ रमजान में पढ़ी जाने वाली खास नमाज तरावीह शुरू हो जाएगी। इसमें बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शामिल होते हैं। तरावीह पढ़ाने के लिए मस्जिद कमेटियों ने दो माह पहले ही हाफिज-ए-कुरान को तय कर लिया है। दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों से हाफिज-ए-कुरान तरावीह पढ़ाने यहां आते हैं।
फिजिकल डिस्टेंसिंग भी जरूरी
कोरोना वायरस से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग को बड़ा हथियार माना गया है, ऐसे में एक साथ तरावीह की नमाज पढऩे पर संशय है। इसको देखते हुए लोगों ने उलेमा से राब्ता करना शुरू दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या घर में तरावीह की नमाज पढ़ी जा सकती है।
लाकडाउन बढ़ा तो हम घर में ही पढ़ेंगे नमाज
मुफ्ती अख्तर हुसैन का कहना है कि तरावीह की नमाज मर्द व औरत सबके लिए सुन्नत है। उसका छोडऩा जायज नहीं। तरावीह की नमाज 20 रकात है। तरावीह की नमाज पूरे माह-ए-रमजान में पढऩी है। अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो जिस तरह पांच वक्त की नमाज अवाम घर में पढ़ रहे हैं उसी तरह तरावीह की नमाज भी घर में पढ़ेंगे। लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए।
हम उसी तरह यह नमाज भी अदा कर लेंगे
कारी अफजल बरकाती का कहना है कि रमजान में न सिर्फ बंदों पर रोजे फर्ज किए गए बल्कि अल्लाह पाक ने सारी आसमानी किताबें रमजान के महीने में उतारी। कुरआन शरीफ इसी माह में नाजिल हुआ। तरावीह में हाफिज नमाजियों को एक कुरान सुनाते है। अगर रमजान में भी लॉकडाउन पड़ता है तो जिस तरह चंद लोग पांच वक्त की नमाज मस्जिद में जमात से अदा कर लेते हैं उसी तरह तरावीह की नमाज भी अदा कर लेंगे। बाकी अवाम अपने घरों में तरावीह की नमाज पढ़े।