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Vaccination in Gorakhpur: वैक्सीन लगवा चुके लोगों के फेफड़े सुरक्षित, बाकी असुरक्षित

जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है उनके फेफड़ों पर कोरोना कोई असर नहीं डाल पाया। जिन्होंने एक ही डोज ली थी उनके भी फेफड़े काफी हद तक सुरक्षित हैं। ऐसे लोगों में चेस्ट की सीटी वैल्यू पांच-छह है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 01:43 PM (IST)
Vaccination in Gorakhpur: वैक्सीन लगवा चुके लोगों के फेफड़े सुरक्षित, बाकी असुरक्षित
ये है कोरोना वैक्‍सीन की फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। इस बार कोरोना 25-30 फीसद संक्रमितों के फेफड़ों को खराब कर रहा है। जबकि पिछले साल इनकी संख्या दो-तीन फीसद थी। राहत की बात यह है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, उनके फेफड़ों पर कोरोना कोई असर नहीं डाल पाया। जिन्होंने एक ही डोज ली थी, उनके भी फेफड़े काफी हद तक सुरक्षित हैं। ऐसे लोगों में चेस्ट की सीटी वैल्यू पांच-छह है। जो 20 से 24 फीसद संक्रमण है। जबकि जो लोग टीकाकरण नहीं कराए थे, उनके फेफड़ों में 72 से 76 फीसद संक्रमण पहुंच गया था और आक्सीजन का स्तर अचानक गिरने लगा था।

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हल्‍की खांसी वाले मरीज भी कोरोना से प्रभावित

इस बार हल्की खांसी वाले मरीजों के फेफड़ों को भी कोरोना प्रभावित कर रहा है। जिन्होंने संक्रमण से ठीक होने के कुछ दिन सीटी स्कैन कराया उनमें खून की क्लाङ्क्षटग मिल रही है, जिसे पल्मोनरी फाइब्रोसिस कहते हैं। इसमें फेफड़े सिकुड़ जाते हैं। इसकी लंबे समय तक दवा चलती है। पिछली बार जिनकी सांस फूल रही थी, ऐसे मरीजों में से भी कुछ के ही फेफड़ों में सिकुडऩ आई थी। चूंकि संक्रमण से ठीक होने के बाद जब वे घर चले गए और कुछ दिन के बाद उनकी पुन: सांस फूलने लगी तब जांच में यह बात पता चली थी। इस बार एहतियात बरतते हुए डाक्टर संक्रमण के दौरान ही सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं। ताकि समय से फेफड़ों का संक्रमण पता चल जाए और इलाज शुरू हो जाए। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के टीबी एवं चेस्ट रोग विभाग के अध्यक्ष डा. अश्विनी मिश्रा बताते हैं कि इस बार उन लोगों के फेफड़ों में अभी तक संक्रमण नहीं दिखा है, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है। जिन्होंने एक ही डोज लगवाई है और लगवाए एक माह हो गए हैं, उनमें से भी ज्यादातर के फेफड़े पूरी तरह सुरक्षित हैं। केवल दो फीसद लोगों में सीटी वैल्यू पांच-छह आई है, जो 20 से 24 फीसद संक्रमण का संकेत करती है।

ऐसे करें बचाव

डा. अश्विनी मिश्रा ने बताया कि खांसी या गले में खराश होने की स्थिति में दिन में तीन बार गर्म पानी में अजवाइन, कपूर व लौंग डालकर भाप लें और चार बार हल्दी मिश्रित गर्म पानी से गरारा करें। विटामिन सी व जिंक की शरीर में कमी न होने दें। इसके लिए नींबू व दूध का इस्तेमाल करें।


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