गोरखपुर में कोरोना के 24 घंटे में मिले सबसे कम मरीज मिले, लेकिन बढ़ रहा मौतों का आकड़ा
गोरखपुर का एक डेढ़ माह का बच्चा और महराजगंज की साढ़े तीन माह की बच्ची ने मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में दम तोड़ दिया। इसके पहले भी दो मासूमों की मौत हो चुकी है। इस बीच सोमवार को जांच में कोरोना संक्रमण के सबसे कम मरीज मिले।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना अब बच्चों को भी नहीं बख्श रहा है। सोमवार को दो मासूमों सहित 18 की मौत हो गई। इसमें 12 मरीज गोरखपुर के थे। जिले के गोलीपार का डेढ़ माह का बच्चा और महराजगंज की साढ़े तीन माह की बच्ची ने मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में दम तोड़ दिया। इसके पहले भी दो मासूमों की मौत हो चुकी है। हालांकि मौतें पोर्टल पर अपलोड न होने से स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ दो मौतों की सूचना जारी की है। दूसरी तरफ संक्रमितों की संख्या राहत देने वाली है। डेढ़ माह बाद 24 घंटे में सबसे कम 106 कोरोना संक्रमित मिले। इसमें 49 शहर के हैं।
इसके पहले तीन अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 114 थी। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संक्रमितों की संख्या 58069 हो गई है। 54035 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 631 की मौत हो चुकी है। 3403 सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने लोगों से बचाव की अपील की है।
इनकी हुई मौत
मासूमों के अलावा गोरखपुर के गोला, हरपुर, पीपीगंज, आवास विकास कालोनी, केशवपार, गोरखनाथ, रामनगर, बासगांव व गोला की एक- एक महिला बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती थीं। सोमवार को उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र क्रमश: 50, 75, 55, 64, 60, 65, 75, 50, 65 वर्ष थी। इसी वार्ड में घोसपुर के 65 वर्षीय व्यक्ति व महला-दहला के 29 वर्षीय युवक की भी माैत हो गई। इसके अलावा देवरिया के दो तथा फरीदाबाद, बिहार के सिवान व कुशीनगर के एक-एक मरीजों ने अंतिम सांस ली।
मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने का आरोप
एचएन सिंह चौराहा स्थित डिग्निटी हास्पिटल में भर्ती संक्रमित को अस्पताल से बाहर निकालने का अरोप लगा है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने आरोप को निराधार बताया और कहा है कि मरीज का इलाज चल रहा है। वह वेंटीलेटर पर है। मरीज के मित्र सचिन त्रिपाठी ने इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में तैनात जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल को फोन शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि बेलवार स्थित आदर्श इंटर कालेज के संक्रमित शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। हास्पिटल संचालक अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने कहा कि किसी भी कोविड मरीज को अस्पताल से बाहर नहीं निकाला जाएगा। हास्पिटल के डा. आरके शाही ने बताया कि मरीज वेंटीलेटर पर है। उसका इलाज चल रहा है। मरीज के मित्र सचिन त्रिपाठी ने फोन पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है।