इस घर के मुखिया ने बढ़ाया हौसला तो परिवार ने जीत लिया कोरोना से जंग Gorakhpur News
किसी भी परिवार में एकजुटता हो तो कोई भी मुसीबत ज्यादा देर नहीं ठहर पाती। चाहे वह कोरोना ही क्यों न हो। कुछ इसी तरह से एक परिवार के सदस्यों के बीच साकारात्मक सोच कोरोना गाइडलाइन का पालन व एक-दूजे की फिक्र कोरोना पर भारी पड़ी।
गोरखपुर, जेएनएन : किसी भी परिवार में एकजुटता हो तो कोई भी मुसीबत ज्यादा देर नहीं ठहर पाती। चाहे वह कोरोना ही क्यों न हो। कुछ इसी तरह से एक परिवार के सदस्यों के बीच साकारात्मक सोच, कोरोना गाइडलाइन का पालन व एक-दूजे की फिक्र कोरोना पर भारी पड़ी। सोलह सदस्यों के संयुक्त परिवार में संक्रमित चार लोगों ने हाेम आइसोलेशन में रहकर न सिर्फ कोरोना से जंग जीती बल्कि परिवार के अन्य 12 सदस्यों को भी सतर्कता व जागरूकता से संक्रमित होने से बचा लिया।
दो बेटे व बहू को हो गया कोरोना
घोष कंपाउंड बशारतपुर के 75 वर्षीय प्रो.एचएन सिंह के चार बेटे हैं। इनमें से दो बेटे शिक्षक नवीन सिंह व उनकी पत्नी रीना सिंह, बड़ी बहू मधुलिका सिंह तथा छोटे बेटे डा.डीके सिंह जो राजकीय जुबिली इंटर कालेज में प्रवक्ता को चार दिन के अंदर 20 अप्रैल को कोरोना हो गया। संक्रमित होने के बाद सभी ने खुद को अलग-अलग कमरों में क्वारंटाइन कर लिया। इस दौरान बिना परेशान हुए सभी एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए घर से ही अपना इलाज करने लगे। जब बेटे और बहू कोरोना की जद में आए तो परिवार का मुखिया होने के नाते पिता प्रो.एचएन सिंह पल-पल उनका हालचाल लेना और हौसला बढ़ाना किसी भी दिन नहीं भूलते थे। दवा समय से खिलाने से लगायत उन्हें पाैष्टिक चीजों के सेवन करने के लिए बार-बार टोकना ठीक होने के बाद भी बेटे याद करते हैं।
धैर्य व आत्मसंयक बनाए रखा
डा.डीके सिंह बताते हैं कि करीब 15 दिन अलग कमरों में रहना बहुत कठिन काम है, लेकिन इस दौरान हमने धैर्य व आत्मसंयम बनाए रखा। सुबह-शाम योग व व्यायाम तो रात का समय भजन-कीर्तन में गुजरता था। समय-समय पर काढ़ा का सेवन करना व भांप लेना नहीं भूलने थे। पूरी कोशिश रहती कि कहीं से भी घर के और सदस्य इस बीमारी के चपेट में ना आएं, इसलिए सभी सदस्यों ने पूरी सतर्कता बरती। यही वजह रही की चार लोगों के अलावा अन्य किसी को बीमारी छू तक नहीं पाई और इस तरह से हमने हंसते-हंसते कोरोना को हरा दिया।