समस्याओं से घिरे विद्यालय, संकट में नौनिहालों का भविष्य
सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल शासन से करोड़ों रुपये का बजट आता है लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं की जा रही है।
सिद्धार्थनगर : सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल शासन से करोड़ों रुपये का बजट आता है, लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं की जा रही है। भीषण गर्मी में बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। कहीं हैंडपंप नहीं तो कहीं दूषित पानी पीने की मजबूरी है। नामांकन के सापेक्ष बच्चों की बहुत कम उपस्थिति व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। विद्यालयों में बच्चे इधर-उधर टहलते रहते हैं।
प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीनगर में सहायक अध्यापक नयन पाल व अनिल कुमार अपने-अपने कक्ष में बच्चों को पढ़ा रहे थे। डेक्स बेंच न होने से बच्चे टाटपट्टी पर बैठ हुए थे। कई के चेहरे पर मास्क नहीं लगा था। कमरे में टाइल्स लगे हुए हैं, मगर बिजली कनेक्शन नहीं है। जिससे उमस भरी गर्मी में बच्चों व अध्यापक को परेशानी होती है। विद्यालय में चहारदीवारी भी नहीं है। शौचालय गंदगी से पटी हुई है। फाटक भी नहीं है। विद्यालय में लगा हैंडपंप से गंदा पानी आता है। पांच सौ लीटर की टंकी व मोटर लगा है। लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं होने से यह बेमतलब है। बरामदे का फर्श टूटा हुआ है। अध्यापकों व रसोइया ने बताया कि स्कूल व रसोइया घर बारिश में बहुत ज्यादा टपकता है। जिससे बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित होता है। 64 नामांकन के सापेक्ष 51 बच्चे मौजूद रहे। भोजन बना हुआ था। सभी को किताब मिल चुकी हैं।
प्राथमिक विद्यालय खैरा बाजार में बच्चे बरामदे व कमरे में खेलते मिले। अध्यापक बगल के जूनियर हाईस्कूल पर बैठे थे। बच्चों के लिए टाट भी नहीं बिछा था। बरामदे के फर्श पर काफी गंदगी थी। अध्यापक दीपक कुमार ने बताया कि टाट बच्चे फेंक देते हैं। डेस्क बेंच के लिए एआरपी लिख कर ले गए हैं। यहां भी पानी का कोई इंतजाम नहीं है। पेयजल के लिए बाहर लगा सरकारी हैंडपंप काफी दिनों से खराब है। अध्यापक ने बताया कि एक नल बगल में लगवाया गया था। उसको चोर खोल ले गए। भोजन बना हुआ था। शिक्षामित्र विजय यादव भी मौजूद रहे। 140 नामांकन के सापेक्ष 55 बच्चे मौजूद रहे। किसी भी बच्चे के पास मास्क नहीं था। पुस्तकें मिल चुकी हैं। कम उपस्थिति का कारण पूछने पर बताया गया कि कुछ बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित हैं। इस लिए नहीं आ रहे हैं। इंचार्ज अध्यापक विनोद कुमार यादव निलंबित चल रहे हैं। विद्यालय में चहारदीवारी भी नहीं है।