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दीपावली पर बनारस और कोलकाता के फूलों से होगी पूजा

गोरखपुर में दीपावली की तैयारी शुरू हो गई है। व्‍यापारियों ने इसके लिए वाराणसी और कोलकाता से फूलों का आर्डर दिया है। वाराणसी और कोलकाता के फूलों की यहां धूम रहती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 01:45 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 03:01 PM (IST)
दीपावली पर बनारस और कोलकाता के फूलों से होगी पूजा

गोरखपुर, (गजाधर द्विवेदी)। दीपावली पर घर, पूजा स्थलों पर रखी देव मूर्तियों व आंगन को फूल मालाओं से सजाने की परंपरा है। सजावट के लिए अलग-अलग किस्म के गेंदे के फूल का खासतौर से इस्तेमाल होता है। लक्ष्मी पूजा में कमल के फूल को महत्व दिया जाता है। साथ ही मालाओं में भी फूलों की जरूरत पड़ती है। इसे लेकर गोरखपुर के फूल व्यापारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। बनारस, कोलकाता व दिल्ली से फूल मंगाने के लिए आर्डर भेजे जाने लगे हैं।

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रोज के आर्डर के अलावा दीपावली के स्पेशल आर्डर भेजे जा रहे हैं। चार नवंबर तक सभी व्यापारियों के आर्डर भेज दिए जाएंगे। व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष दीपावली पर 10 लाख रुपये से अधिक के फूल मंगाए जाएंगे। साथ ही फूलों का सीजन शुरू होने के नाते रेट भी कम रहने की उम्मीद है।

कमल की जगह कहीं खरीद न लें कोइया

दीपावली को सुगंधित करने व मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में फूल मंगाए जा रहे हैं। मां लक्ष्मी का सर्वाधिक प्रिय फूल कमल व उसका विकल्प कोइया के फूलों के लिए भी आर्डर भेजा जा रहा है। कमल व कोइया के फूल एक ही तरह के होते हैं। कुछ व्यापारी कमल के फूल खत्म होने पर कमल के नाम पर उसी रेट में कोइया के फूल बेच देते हैं जबकि दोनों फूलों की कीमत में जमीन-आसमान का अंतर होता है। यदि कमल के फूल की कीमत 40-50 रुपये होती है तो कोइया के फूल की कीमत पांच-सात रुपये।

कमल व कोइया की पहचान

कमल व कोइया के फूल एक समान होते हैं। इसलिए दीपावली पर कमल के नाम पर कोइया धड़ल्ले से बेच दिया जाता है। दोनों में अंतर यह है कि कमल का फूल गोलाई लिए होता है। यह बीच में थोड़ा थुलथुल होता है। जबकि कोइया सीधा-सपाट पतला होता है। इसकी कलियां लंबी होती हैं।

ऐसे पहुंचते हैं ताजा फूल

ज्यादातर फूल बनारस, दिल्ली और कोलकाता से मंगाए जाते हैं। इन सभी जगहों से एक दिन में फूल आ जाते हैं और एक दिन बेचने में लगता है। इस दौरान फूलों को ताजा रखने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है। बर्फ से ढंककर फूल दूसरे शहरों से अपने शहर में आते हैं। यहां व्यापारी उसे पानी का छींटा मारकर ताजा रखते हैं। कुछ व्यापारी महराजगंज के पनियरा से भी फूल मंगाते हैं।

इन जगहों पर बिकते हैं फूल

गोरखपुर में हजारीपुर, जेल रोड, नौसढ़, छोटे काजीपुर, घंटाघर, मोहद्दीपुर, मेडिकल कॉलेज आदि स्‍थानों पर फूलों की बिक्री की जाती है।

फूल व्‍यापारियों ने कहा

फूल व्‍यापारी जितेंद्र सैनी के अनुसार फूलों की इस वर्ष कमी नहीं पड़ेगी। सीजन शुरू हो चुका है। बनारस, कोलकाता, दिल्ली व पनियरा में कमल व गेंदा के फूल बड़ी मात्रा में तैयार हो रहे हैं। दीपावली के लिए आर्डर भेजे जाने अभी शुरू हुए हैं। चार नंबर तक सभी व्यापारियों के आर्डर चले जाएंगे। संतोष सैनी का कहना है कि फूलों की खपत इस शहर में अब बढ़ गई है। दीपावली पर्व पर विशेष रूप से हर घर में फूल जाता है, इसलिए सामान्य दिनों की अपेक्षा दीपावली को लगभग चार-पांच गुना फूलों की खपत बढ़ जाती है। इसी हिसाब से बनारस व कोलकाता के व्यापारियों को आर्डर भेजे गए हैं।


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