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सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारेगा महकमा, डाक्टर की टीम करेगी बच्चों की जांच

स्वास्थ्य विभाग ने कक्षा आठ तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है। इसे इसी सप्ताह शुरू किया जाएगा। डाक्टरों की टीम प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में जाकर बच्चों की जांच करेगी।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST)
सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारेगा महकमा, डाक्टर की टीम करेगी बच्चों की जांच
सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारेगा महकमा। प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य विभाग ने कक्षा आठ तक के सरकारी स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है। इसे इसी सप्ताह शुरू किया जाएगा। डाक्टरों की टीम प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में जाकर बच्चों की जांच करेगी। सामान्य रूप से बीमार होने पर उन्हें दवाएं दी जाएंगी। गंभीर स्थिति में उन्हें जिला अस्पताल या मेडिकल कालेज रेफर किया जाएगा। बहुत से अभिभावक हल्की तबीयत खराब होने पर नजरंदाज कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चे आगे चलकर गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं। इससे बचाने के लिए यह अभियान शुरू किया जाएगा।

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सरकार का विशेष ध्यान है बच्चों पर

बच्चों पर सरकार का विशेष ध्यान है। अभी तक उनके लिए कोविड से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं आ पाई है, इसलिए यदि कोरोना संक्रमण पुन: लौटा तो बच्चों को बचाना बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में बीमार बच्चों पर ज्यादा खतरा रहेगा। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को स्वस्थ रखने की पहल की है। सरकारी स्कूलों में टीमें जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करेंगी। उन्हें दवाएं देंगी, जरूरत पड़ने पर आराम की सलाह देंगी और स्कूलों से अवकाश प्रदान करने का अनुरोध करेंगी। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें जिला अस्पताल या मेडिकल कालेज रेफर किया जाएगा।

अभिभावकों को दी जाएगी सूचना

बच्चों की तबीयत खराब होने पर स्कूल के माध्यम से अभिभावकों को सूचना दी जाएगी। उन्हें भर्ती कर इलाज करने की जरूरत पड़ी तो अभिभावक को बुलाकर बच्चों को एंबुलेंस से उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाएगा। ताकि समय रहते उनका बेहतर इलाज हो सके।

मांगी गई है स्कूलों की सूची

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि टीमों का गठन किया जा रहा है। स्कूलों की सूची मांगी गई है। उसके हिसाब से टीमें बनाई जाएंगी। यह अभियान शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी चलेगा। बच्चों पर विशेष नजर है। बच्चे यदि कमजोर दिखेंगे तो ताकत की भी दवाएं दी जाएंगी, ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।


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