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गोरखपुर की मंडी में नहीं लगती बोली, जानिए क्या है माजरा

गोरखपुर शहर की महेवा मंडी में ई-नाम की योजना को अभी तक अमल में नहीं लाया जा सका है। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:09 AM (IST)
गोरखपुर की मंडी में नहीं लगती बोली, जानिए क्या है माजरा
गोरखपुर की मंडी में नहीं लगती बोली, जानिए क्या है माजरा

गोरखपुर, जेएनएन। ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) महेवा मंडी के लिए चुनौती बन गया है। ई-नाम के तहत ऑनलाइन अनेक मंडियों के भाव देखकर व्यापारी बोली लगाते हैं और अपने सामान भी दूसरी मंडियों में बेचते हैं। लेकिन गोरखपुर की महेवा मंडी मूलरूप से सब्जी की मंडी है। यह कच्चा सौदा उन्हें बोली लगाने का मौका नहीं देता। चूंकि सब्जियों को ज्यादा देर तक रोका नहीं जा सकता, इसलिए किसान तत्काल व्यापारियों को बेच देते हैं।

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ई-नाम योजना की शुरुआत इसलिए की गई कि किसान सभी मंडियों के भाव अपने मोबाइल पर देख सकें और जहां ज्यादा लाभ मिले, वहां की मंडी में अपने उत्पाद बेच दें। लेकिन यह सिर्फ गेहूं, धान, दलहन, तिलहन आदि जिन चीजों को कुछ दिन रोका जा सकता है, उन्हीं पर संभव है। चूंकि गोरखपुर में दलहन-तिलहन होता नहीं और गेहूं-धान किसान सीधे मिलों पर बेच देते हैं, मंडी में पहुंचता ही नहीं। इसलिए ई-नाम योजना महेवा मंडी में परवान नहीं चढ़ पा रही है। जबकि मंडी समिति ने इस योजना से 52388 किसानों व 752 व्यापारियों को जोड़ लिया है।

चलाई जा रही पुरस्कार योजना

मंडी समिति किसान व व्यापारियों को ई-नाम से जोड़ने के लिए पुरस्कार योजना चला रही है। हर माह की 14 तारीख को ई-नाम दिवस मनाया जाता है, इस अवसर पर तीन किसान और तीन व्यापारियों को क्रमश: टी-शर्ट व शॉल के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।

बोली लगाने वाले किसानों की संख्या कम

मंडी सचिव सेवाराम वर्मा का कहना है कि मंडी समिति किसान व व्यापारियों को ई-नाम से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बड़ी संख्या में किसान व व्यापारी इस योजना से जुड़े भी हैं। कुछ व्यापारी ई-नाम एप से बोली भी लगाते हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। चूंकि यहां धान-गेहूं आता नहीं है, केवल सब्जियां आती हैं और उन्हें ज्यादा देर तक रोका नहीं जा सकता। इसलिए वे तत्काल बेच देते हैं। फिर भी कोशिश की जा रही है कि अधिक से अधिक व्यापारी ई-नाम एप से ही खरीद-बिक्री करें, इससे उन्हें ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है।


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