जमींदोज होगी शहर के बीचो-बीच बनी यह कॉलोनी, ताल का रूप देकर बनाया जाएगा पर्यटन स्थल Gorakhpur News
गोरखपुर के सुमेर सागर ताल का अतिक्रण कर किया गया अवैध निर्माण ध्वस्त किया जाएगा। इसे ताल का रूप देकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। जिला प्रशासन ने सुमेर सागर ताल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। भू-माफिया के कब्जे से मुक्त ताल को नए सिरे से संवारा जाएगा। यहां जल्द ही सुंदर ताल का नजारा दिखेगा। ताल किनारे डेढ़ किलोमीटर का रनिंग ट्रैक भी होगा, जिस पर लोग टहल सकेंगे। ताल के दोनों प्रवेश द्वार के पास वाहन पार्किंग स्थल बनेंगे। एक हिस्से में पार्क भी बनाने की तैयारी है। पार्क में व्यायाम स्थल के साथ ही बैठने की व्यवस्था होगी।
दोनों मुख्य द्वार के पास बनेंगे वाहन पार्किंग स्थल
ताल को उसके मूल स्वरूप में विकसित करने का मसौदा तैयार हो चुका है। सोमवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने आर्किटेक्ट के साथ मिलकर डिजाइन को अंतिम रूप दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि इस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। इसे विकसित होने में छह माह लगेंगे। रनिंग ट्रैक और ताल के चारों तरफ एलईडी लाइटें लगेंगी। प्रवेश द्वार पर हाईमास्ट भी लगाए जाएंगे।
18.5 एकड़ में ताल की जमीन
लगभग 18.5 एकड़ में फैले ताल सुमेर सागर को भू-माफिया और अफसरों ने मिलकर समाप्त कर दिया था। ताल की जमीन पर पक्के निर्माण हो गए थे। अतिक्रमण हटने के बाद ताल को वास्तविक रूप में लाया जा रहा है।
ताल की 95 फीसद जमीन कब्जा मुक्त
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल ने बताया कि ताल की 11 एकड़ जमीन से 95 फीसद अवैध कब्जा हटा दिया गया है। इसे ताल के रूप में विकसित किया जाएगा। बाकी बची सवा सात एकड़ जमीन से 80 फीसद अवैध कब्जा हटा दिया गया है। इस पर पार्किंग व पार्क आदि का निर्माण कराया जाएगा। मार्च और जुलाई में अभियान चलाकर 61 भवन गिराए गए हैं। दो दर्जन के करीब आवासीय भवनों को खाली करने का निर्देश दिया गया है, ताकि लोग अपना सामान शिफ्ट कर सकें।
सुमेर सागर ताल की दोबारा पैमाइश
सुमेर सागर ताल से अतिक्रमण हटाने के दौरान ही वहां दोबारा पैमाइश शुरू कर दी गई है। संभावना जताई जा रही है कि पैमाइश में कुछ और अवैध कब्जा मिल सकता है। पैमाइश मंगलवार को भी होगी।
ताल को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए गए हैं। ताल को भव्य स्वरूप देने के लिए उसके किनारे-किनारे रङ्क्षनग ट्रैक और पार्क बनाया जाएगा। दोनों प्रवेश द्वार पर पार्किंग होगी। आर्किटेक्ट के साथ वार्ता हो चुकी है। ताल और उसके आसपास की जमीन की दोबारा पैमाइश कराई जा रही है। संभव है कि कुछ और हिस्सा निकल कर आए। पैमाइश के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। - गौरव सिंह सोगरवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट।