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बिहार में जिसकी हत्या का नौ लोगों पर दर्ज था मुकदमा, वह गोरखपुर में जीवित मिला Gorakhpur News

बिहार के बांका जिला निवासी नीलकंठ मिश्रा नाम के जिस युवक की हत्या का मुकदमा दर्ज था वह गोरखपुर में जीवित मिला। उसकी मां ने पट्टीदारी के नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 04:36 PM (IST)
बिहार में जिसकी हत्या का नौ लोगों पर दर्ज था मुकदमा, वह गोरखपुर में जीवित मिला Gorakhpur News
बिहार में जिसकी हत्या का नौ लोगों पर दर्ज था मुकदमा, वह गोरखपुर में जीवित मिला Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बिहार के बांका जिला निवासी नीलकंठ मिश्रा नाम के जिस युवक की हत्या का मुकदमा दर्ज था, वह गोरखपुर में जीवित मिला। उसकी मां ने पट्टीदारी के नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। सभी आरोपित इस समय जमानत पर हैं। नीलकंठ के जीवित होने की सूचना मिलने के बाद से बिहार पुलिस सकते में है। उसे साथ ले जाने के लिए बिहार पुलिस ने बुधवार को गोरखपुर पहुंचने की बात कही है।

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बांका, बिहार के बेलहर थाना क्षेत्र में मनिहारी गांव निवासी कविलाल मिश्र का पुत्र नीलकंठ, आठ साल पहले गांव के ही विनोद मिश्र की अंत्येष्टि में शामिल होने गया था। उसी दिन रहस्मय परिस्थितियों में लापता हो गया। नीलकंठ की मां ने 10 माह पहले भागलपुर डीआइजी के सामने पेश होकर छह डिसमिल जमीन के लिए पट्टीदारी के लोगों पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया। डीआइजी के निर्देश पर बेलहर थाने में एक ही परिवार के नौ लोगों के विरुद्ध नीलकंठ की हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। सभी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार जेल भेज दिया।

इस बीच गोरखपुर की एक संस्था इस्माइल होम को आठ माह पहले एक युवक विक्षिप्त हालत में मिला। संस्था के लोगों ने उसे अपने साथ रखकर उपचार कराना शुरू किया। पिछले साल दिसंबर से उसका उपचार चल रहा था। हालत में सुधार आने पर संस्था ने उसकी काउंसिलिंग भी शुरू कर दी। कुछ दिन पहले उसकी हालत में काफी सुधार आ गया। संस्था के लोग उसे अपना नाम, पता याद करने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे। कुछ दिन पहले उसने अपना नाम नीलकंठ बताया। धीरे-धीरे उसे अपना पता भी याद आ गया। संस्था से जुड़ आजाद पांडेय ने मंगलवार को बेलहर थाने के इंस्पेक्टर राजेंद्र चौधरी को फोन कर नीलकंठ के बारे में जानकारी दी तो उनके हाथ-पांव फूल गए। इंस्पेक्टर ने बुधवार को सुबह तक बेलहर थाने की पुलिस टीम के गोरखपुर पहुंचने की बात कही है।

जिसे तलाश रही थी पुलिस, प्रेमिका के साथ पहुंचा थाने

उधर, गोरखपुर में रहस्मय परिस्थितियों में लापता जिस युवक को पुलिस तलाश रही थी, वह प्रेमिका के साथ वह खोराबार थाने पहुंच गया। युवक की पत्नी ने पहले तहरीर देकर उसके अपहरण की आशंका जताई थी। अब उसने उसके विरुद्ध दहेज के लिए उत्पीडऩ करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। दूसरी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

खोराबार क्षेत्र क महीमाठा निवासी सुनील कुमार, कैंट क्षेत्र के इंदिरानगर में किराये का मकान लेकर पत्नी के साथ रहता था और बेतियाहाता स्थित कपड़े की एक दुकान में काम करता था। 12 जुलाई को वह गांव जाने के लिए किराये के घर से निकला था। तभी से उसका पता नहीं चल रहा था। मोबाइल फोन भी बंद मिल रहा था। पत्नी ने इस बंध में कैंट थाने में तहरीर देकर उसके अपहरण की आशंका जताई तो पुलिस ने उसे खोराबार थाने भेज दिया। खोराबार पुलिस ने भी तहरीर नहीं ली, लेकिन सुनील को तलाश करने की दावा किया। सुनील के भाई को खोराबार पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले आई। इसकी जानकारी होने पर मंगलवार को सुनील प्रेमिका के साथ खोराबार थाने पहुंच गया। बाद में वहां से पुलिस ने देर शाम उसे कैंट थाने भेज दिया। इसके बाद पत्नी के दहेज के लिए मारपीट करने और उत्पीडऩ करने आ आरोप लगाकर तहरीर देने पर कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। प्रेमिका को उसके घर भेज दिया गया है।

मम्मी-पापा से नाराज होकर मौसी के घर चला गया था बालक

गोरखपुर के बांसगांव क्षेत्र से रहस्मय परिस्थितियों में लापता सातवीं का छात्र उज्ज्वल मम्मी-पापा से नाराज होकर मौसी के घर दिल्ली चला गया था। मंगलवार को सुबह मौसी का फोन आने पर परिवार के लोगों को इसका पता चला। परिवार के लोग उसे वापस लाने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं।

उज्ज्वल, कौड़ीराम स्थित एक विद्यालय में पढ़ता है। सोमवार को वह विद्यालय गया था। इसके बाद से उसका पता नहीं चल रहा था। परिजनों ने इसकी सूचना कौड़ीराम पुलिस चौकी पर देने के साथ ही उसकी तलाश कर रहे थे। इसी बीच दिल्ली में रहने वाली उज्ज्वल की मौसी का उसके घर मंगलवार को फोन आया। उन्होंने उज्ज्वल के दिल्ली पहुंचने की जानकारी दी। मौसी को उज्ज्वल ने बताया है कि मम्मी-पापा से वह नाराज था। इसीलिए घर से निकलते समय उसने अपने पास पांच सौ रुपये रख लिए थे। विद्यालय में एक दोस्त से उसने दिल्ली के करोल बाग में रहने वाली मौसी के घर जाने की बात कही थी। विद्यालय से निकलकर वह रेलवे स्टेशन पर पहुंचा और वैशाली एक्सप्रेस मे सवार होकर दिल्ली पहुंच गया। संयोग से उसे मौसी का मोबाइल नंबर याद था। दिल्ली रेलवे स्टेशन से उसने मौसी को फोन किया था और खुद के दिल्ली आने की जानकारी दी। मौसी उसे घर ले गईं और फोन उसके परिवार के लोगों को इस बारे में बताया।


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