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आज ज्यादा चमकीले दिखेंगे मंगल, शनि और बृहस्पति, नंगी आंखों से देख सकते हैं उल्‍का पिंडों का टूटना Gorakhpur News

पहले दिन मंगल शनि और बृहस्पति एक सीध में होंगे और बृहस्पति चंद्रमा के सर्वाधिक करीब होगा। ऐसे में इन तीनों ग्रहों को भोर में साधारण आंखों से भी देख जा सकेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 08:10 AM (IST)
आज ज्यादा चमकीले दिखेंगे मंगल, शनि और बृहस्पति, नंगी आंखों से देख सकते हैं उल्‍का पिंडों का टूटना Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। अप्रैल भर चलने वाले विशिष्ट खगोलीय घटनाओं की शुरुआत बुधवार से होने जा रही है। पहले दिन मंगल, शनि और बृहस्पति एक सीध में होंगे और बृहस्पति चंद्रमा के सर्वाधिक करीब होगा। ऐसे में इन तीनों ग्रहों को भोर में साधारण आंखों से भी देख जा सकेगा। इस घटना को खगोल विज्ञान की दुनिया में कन्जक्शन कहते हैं।

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इसी क्रम में गुरुवार को मंगल ग्रह चंद्रमा के नजदीक होगा

वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद् अमरपाल सिंह के मुताबिक इसी क्रम में गुरुवार को मंगल ग्रह चंद्रमा के काफी नजदीक होगा। ऐसे में मंगल, बृहस्पति, शनि और चंद्रमा का एक विशिष्ट संयोग लोगों को देखने को मिलेगा। यह दुर्लभतम खगोलीय घटना होगी।

रात्रि मेें उल्का वर्षा का दृश्य साधारण आंखों से देखने को मिलेगा

अमरपाल सिंह के अनुसार 22-23 अप्रैल की मध्य रात्रि मेें उल्का वर्षा का दृश्य साधारण आंखों से देखने को मिलेगा। साधारण भाषा में इसे तारों का टूटना कहते  हैं। जबकि यह टूटे तारे नहीं बल्कि निकिल, कॉपर, आयरन आदि पदार्थों से बने उल्का पिंड होते हैंं, जो सूर्य का चक्कर लगाते-लगाते सौर मंडल से बाहर आ जाते हैं और गुरुत्वाकर्षण शक्ति के चलते पृथ्वी की ओर खींचे चले आते हैं।

इस दिन भी मिलेगा उल्का बारिश का दृश्य

वैसे तो उल्का बारिश का दृश्य 16 व 26 को भी देखने को मिलेगा लेकिन 22-23 अप्रैल को यह चरम पर रहेगा। इसके अलावा 22-23 अप्रैल को लोग इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भी देख सकेंगे। 22 अप्रैल की भोर में 4:52 बजे पश्चिम-दक्षिण दिशा में और 23 अप्रैल की भोर में 4:05 बजे दक्षिण-उत्तर दिशा में इसे देखा जा सकेगा। यह चमकीले तारे की तरह कुछ देर के लिए दिखेगा।

अंतिम खगोलीय घटना 29 अप्रैल को होगी

उन्‍होंने कहा कि अंतिम खगोलीय घटना 29 अप्रैल को होगी, जब एक वृहद एस्टेराइड पृथ्वी के पास के गुजरेगा। बता दें कि इन खगोलीय घटनाओं के कारण ही अंतरराष्ट्रीय खगोल संगठन ने इस अप्रैल को ग्लोबल एस्ट्रोनॉमी माह घोषित किया है।


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