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बढ़ गई गोरखपुर की चौहद्दी, आसमान से तलाश लिए पांच हजार नए मकान

Gorakhpur Municipal Corporation गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में मकान और दुकान के लिए चल रहे जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सेटेलाइट सर्वे में अब तक पांच हजार नए मकान मिल चुके हैं। नगर निगम प्रशासन ने इन मकानों को कर के दायरे में ले आकर अपनी कमाई बढ़ाई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:16 AM (IST)
बढ़ गई गोरखपुर की चौहद्दी, आसमान से तलाश लिए पांच हजार नए मकान
जीआइएस सर्वे में गोरखपुर में पांच हजार नए मकान का पता चला है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur Municipal Corporation: तकनीकि का फायदा नगर निगम प्रशासन को मिलने लगा है। नगर निगम क्षेत्र में मकान और दुकान के लिए चल रहे जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सेटेलाइट (जीआइएस) सर्वे में अब तक पांच हजार नए मकान मिल चुके हैं। नगर निगम प्रशासन ने इन मकानों को कर के दायरे में ले आकर अपनी कमाई बढ़ाई है। सैकड़ों मकानों का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। कई मकानों से सिर्फ एक तल का कर मिल था, जीआइएस सर्वे के बाद दूसरे और अन्य बन चुके तल का कर निर्धारित किया गया है।

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कई मकानों का निर्माण क्षेत्रफल भी बढ़ा, कर संशोधित किया गया

गोरखपुर शहर का दायरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले दिनों 32 गांव नगर निगम में शामिल होने के पहले भी एक अनुमान के मुताबिक 1.75 हजार आवासीय व वाणिज्यिक भवन शहर में हैं। इसके बाद भी तकरीबन 1.45 लाख आवासीय व वाणिज्यिक भवन ही कर के दायरे में हैं।

केंद्र सरकार ने नामित की है एजेंसी

जीआइएस सर्वे के लिए केंद्र सरकार ने एजेंसी नामित की है। यह एजेंसी तकरीबन दो साल से काम कर रही है। सेटेलाइट से तस्वीर लेकर एजेंसी के कर्मचारी मकान के क्षेत्रफल की गणना करते हैं। साथ ही यह भी बताते हैं कि मकान एक तल में बना है या इससे ज्यादा। इसकी सूची नगर निगम को भेजी जाती है। सूची के आधार पर नगर निगम के कर निरीक्षक क्षेत्रफल के साथ ही कर संशोधित करते हैं।

कोरोना संक्रमण काल में भी बढ़ी कमाई

कर देने वालों की संख्या बढऩे के साथ ही मकानों का क्षेत्रफल बढऩे से नगर निगम की कमाई बढ़ी है। यही वजह है कि पिछले साल से कोरोना संक्रमण की दो लहर आने के बाद भी कर वसूली में नगर निगम पीछे नहीं गया है। चालू वित्तीय वर्ष के तीन महीने में नगर निगम के कर निरीक्षकों ने इसी अवधि में पिछले साल की तुलना में 40 फीसद ज्यादा रुपये जमा कराए हैं।

फैक्ट फाइल

शहर में कुल वार्ड - 70

शहर की आबादी - 14 लाख

कर के दायरे में भवन - 1.45 लाख

शहर में संभावित भवन - 1.75 लाख

इन मदों में जमा होता है कर - गृह, जल व सीवर

32 गांव में बढ़ेंगे मकान - 10 हजार से ज्यादा

10 करोड़ बढ़ जाएगी कमाई

नगर निगम के अफसरों को उम्मीद है कि जीआइएस सर्वे के बाद शहर में भवन की संख्या बढ़ेगी तो अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये की कमाई होगी। 32 गांव शामिल होने के बाद नगर निगम का क्षेत्रफल तकरीबन 232 किलोमीटर हो गया है।

ऐसे बढ़ी वसूली

वर्ष जमा कर

2018-19 20.53 करोड़

2019-20 21.69 कर

2020-21 22.14 करोड़

जीआइएस सर्वे में पांच हजार नए मकान चिह्नित हो चुके हैं। इन पर कर निर्धारित किया गया है। साथ ही सैकड़ों मकानों का क्षेत्रफल भी बढ़ गया है। कर विभाग के सभी अफसर और कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इसका फायदा नगर निगम को मिल रहा है। नगर निगम की आय बढ़ेगी तो नागरिक सुविधाओं में और इजाफा होगा। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।


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