गोरखनाथ खिचड़ी मेला : ढह गई थीं जाति, संप्रदाय व ऊंच-नीच की दीवारें Gorakhpur News
मंदिर परिसर में केवल बाबा थे और श्रद्धालु। दोनों के बीच में कोई तीसरा नहीं था। सब बाबा के भक्त थे। वे सिर्फ गोरखपुर या पूर्वी उत्तर प्रदेश के ही नहीं थे अनेक जगहों के लोग थे।
गोरखपुर, जेएनएन। मकर संक्रांति पर गोरखनाथ मंदिर में समता, समरसता व एकता का भाव उफान पर था। किसी का किसी से विरोध नहीं, सभी जाति, संप्रदाय के लोग बाबा को खिचड़ी चढ़ाने पहुंचे थे। बाबा के दरबार में ऊंच-नीच व भेदभाव का कोई स्थान नहीं था और न ही श्रद्धालुओं में मन में ऐसा कोई भाव ही नजर आया। सभी जाति, संप्रदाय के लोग साथ-साथ बाबा को खिचड़ी अर्पित कर मंगल कामना कर रहे थे।
परिसर में केवल बाबा और श्रद्धालु
मंदिर परिसर में केवल बाबा थे और श्रद्धालु। दोनों के बीच में कोई तीसरा नहीं था। सब बाबा के भक्त थे। वे सिर्फ गोरखपुर या पूर्वी उत्तर प्रदेश के ही नहीं थे, न जाने कहां-कहां से आस्था उन्हें खींच लाई थी। सब बाबा के दरबार में आकर प्रसन्न थे। किसी की मनोकामना पूरी हुई थी तो कोई मनौती मानने आया था, इस उम्मीद में कि उसकी भी मुरादें पूरी होंगी, उसने बाबा को खिचड़ी चढ़ाई। मत्था टेका। मंगल कामना की।
श्रद्धालुओं ने कहा-खींच लाई आस्था
खजांची चौक निवासी दिव्या सिंह का कहना है कि मैं गोरखनाथ बाबा को बचपन से खिचड़ी चढ़ाने आ रही हूं। उस समय से मेरी बाबा में आस्था है, जब मेरे पास कुछ भी नहीं था, आज तो बाबा की कृपा से सबकुछ है।
देवरिया जिले के भटनी निवासी गुड्डी का कहना है कि बहुत दिनों से मकर संक्रांति पर मैं परिवार के साथ यहां खिचड़ी चढ़ाने आ रही हूं। जब भी कोई मनौती मानी, तो पूरी अवश्य हुई। बाबा की कृपा मेरे परिवार पर बरसती रहती है।
नेपाल के भैरहवा कस्बा निवासी धनू का कहना है कि मेरी क्या, पूरे नेपाल राष्ट्र की गोरखनाथ बाबा में गहरी आस्था है। हर साल मैं बाबा को खिचड़ी चढ़ाने आती हूं। जब भी कोई संकट का समय आता है तो बाबा ही उसे दूर करते हैं।
नेपाल की ही रोशनी का कहना है कि गोरखनाथ बाबा हमारे आराध्य देव हैं। हर साल मैं पूरे परिवार के साथ यहां खिचड़ी चढ़ाने आती हूं। जब कभी पूरा परिवार नहीं आ पाता है तो एक सदस्य खिचड़ी लेकर जरूर आता है।
नेपाल की नीतू का कहना है कि नेपाल की सुख-समृद्धि बाबा के आशीर्वाद से लगातार बढ़ती जा रही है। बाबा के दरबार में मानी गई हर मनौती अवश्य पूरी होती है। मेरी व मेरे परिवार की बहुत गहरी आस्था है। देवरिया की रीमा का कहना है कि यहां खिचड़ी चढ़ाकर जो सुख व शांति मिलती है, वह कही नहीं जा सकती। बाबा के दरबार में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है, यहां आकर कभी खाली हाथ नहीं गई।