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गोरखपुर के खादी आश्रम में उत्साह का माहौल,खूब भा रहा बंगलुरू व असम का सिल्क

: बंगलुरू व असम के सिल्क की मांग बढ़ने से खादी आश्रम में उत्साह का माहौल है

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 07:04 PM (IST)
गोरखपुर के खादी आश्रम में उत्साह का माहौल,खूब भा रहा बंगलुरू व असम का सिल्क
गोरखपुर के खादी आश्रम में उत्साह का माहौल,खूब भा रहा बंगलुरू व असम का सिल्क

गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर : बंगलुरू व असम के सिल्क की मांग बढ़ने से खादी आश्रम में उत्साह का माहौल है। साड़ियों व कपड़ों की मांग युवा वर्ग में ज्यादा है। कोसा, गरद, मटका, कटिया, मूंगा, टसर, अंडी के कपड़ों की मांग बढ़ गई है। सबसे ज्यादा मांग असम के मूंगा थान और बंगलौरी सिल्क की साड़ियों की है। दो माह पहले 50 लाख के सामान मंगाए गए थे, जो समाप्त होने के कगार पर हैं। इस माह फिर 52 लाख रुपये का आर्डर भेजा गया है।

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गांधी आश्रमों ने सरकार से सब्सिडी न लेने का निर्णय लेने के बाद अपने पैरों पर खड़ा होने की ठानी है, लेकिन मशीन के युग में हाथ कते-बुने कपड़ों के भरोसे बाजार में प्रतिस्पर्धा आसान नहीं है, इसे गांधी आश्रम ठीक से समझते हैं। इसलिए गांधी आश्रमों ने अपने पास से कपड़ों पर 10 फीसद की छूट दे दी है। साथ ही कपड़ों की शुद्धता को अपने व्यवसाय का आधार बना रहे हैं।

गांधी आश्रम के कपड़ों की शुद्धता पर फिलहाल अभी तक कोई सवाल खड़ा नहीं हो पाया है। हाथ से कता व बुना होने के नाते ये कपड़े थोड़े महंगे जरूर पड़ते हैं, लेकिन गांधी आश्रमों का मानना है कि हमारे कपड़े अपनी शुद्धता के साथ बड़ी कंपनियों के कपड़ों से काफी सस्ते हैं। साथ ही लोगों का हम पर भरोसा हमारी ताकत बढ़ा रहा है। यही कारण कारण है कि गर्मी के सीजन में सूती व सिल्क के कपड़ों की मांग बढ़ गई है। सूती कपड़ों का तो यहां उत्पादन ही होता है, उसकी कोई कमी नहीं है, सिल्क के कपड़े बंगलुरू, कोलकाता व असम से मंगाए जाते हैं। दो माह पूर्व आए सिल्क के कपड़ों की खपत हो गई है, अब पुन: आर्डर भेज दिए गए हैं।

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हम हाथ कते-बुने कपड़े से ही बाजार में प्रतिस्पर्धा करेंगे। गांधी आश्रमों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। अपने कतिन-बुनकरों के बल पर ही हम बाजार में आज भी अपनी पहचान बनाए रखने में कामयाब हैं। लोगों का झुकाव खादी की तरफ बढ़ रहा है।

-विशेषर नाथ तिवारी, मंत्री, क्षेत्रीय श्रीगांधी आश्रम, गोलघर


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