Move to Jagran APP

Manish Gupta Murder Case: इंटरनेट मीड‍िया पर छा गई पुल‍िसकर्मियों की ग‍िरफ्तारी, लोगों ने पूछा- इनकी गाड़ी भी पलटेगी ?

मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड के आरोप‍ित इंस्पेक्टर जगत नारायण और अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने जो कहानी सुनाई उस पर सवालों की झड़ी लग गई है। इंटरनेट मीडिया यूजर्स ने इस गिरफ्तारी को न केवल पुलिस का मैनेजमेंट बताया बल्कि कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़े किए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 03:30 PM (IST)
Manish Gupta Murder Case: इंटरनेट मीड‍िया पर छा गई पुल‍िसकर्मियों की ग‍िरफ्तारी, लोगों ने पूछा- इनकी गाड़ी भी पलटेगी ?
पुल‍िस ने मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड के चार आरोप‍ियों को पकड़ ल‍िया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इंस्पेक्टर जगत नारायण और अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने जो कहानी सुनाई, उस पर सवालों की झड़ी लग गई है। इंटरनेट मीडिया यूजर्स ने इस गिरफ्तारी को न केवल पुलिस का मैनेजमेंट बताया बल्कि कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़े किए। कोई इसे पुलिस की नौटंकी बता रहा तो किसी ने एनकाउंटर और आरोपितों का घर गिराने की बात लिखी। कई ऐसे भी हैं जो यह जानने को उत्सुक रहे कि हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की 'गाड़ी पलटेगी या नहीं।

loksabha election banner

पुलिस के ट्विटर पर संदेशों की भरमार, कोई एनकाउंटर तो कोई घर गिराने की लिख रहा बात

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और उपनिरीक्षक अक्षय मिश्र की गिरफ्तारी के बाद गोरखपुर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इसकी विज्ञप्ति जारी की। पुलिस ने लिखा कि 'रामगढ़ ताल थाना के वांछित निलंबित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह व उपनिरीक्षक अक्षय कुमार मिश्र को गोरखपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। अग्रिम कार्यवाही हेतु एसआइटी को सूचित किया गया।

कारोबारी मनीष के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के बाद इंटरनेट मीडिया पर सवालों की झड़ी

गोरखपुर पुलिस के इस ट्वीट के आते ही प्रतिक्रिया देने वालों की होड़ लग गई। ज्यादातर ने जहां पुलिस की इस कार्रवाई को भी मैनेज बताया वहीं कुछ ने इसकी सराहना भी की। गिरफ्तारी को मैनेज बताने वालों में शामिल भ्रष्ट तंत्र विरोधी-आम भारतीय ने लिखा कि 'गोरखपुर पुलिस की इन हत्यारों से पूरी मिलीभगत है, गिरफ्तारी एक नाटक है, सब कुछ मैनेज होने के बाद गिरफ्तारी दिखा दिया, अब धीरे धीरे मामला ठंडे बस्ते में और हत्यारों और इनके पैरोकार आकाओं की मौज'। विजया नंद पांडेय ने सवाल उठाया कि 'साथ ही थे क्या दोनो' तो विशाल ने इसे थाना रामगढ़ ताल की एक और नौटंकी बताया। सुभाष ने लिखा कि 'पूरा स्क्रिप्ट तैयार कर दिया होगा'। अमित त्रिपाठी ने लिखा कि 'ज्यादा दबाव पड़ा तब गिरफ्तार हुआ नहीं तो लोग यही बोल रहे थे अपराधी आसपास ही थे लेकिन पुलिस ने मौका देखकर सबकुछ एक नीति तरह से किया।

'इनकी गाड़ी पलटेगी या नहीं'

गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस पर हत्यारोपितों की मदद करने का आरोप लगाने वालों की लंबी फेहरिस्त थी। कमल कांत ने पूछा कि 'इनकी गाड़ी पलटेगी या नहीं' तो अरविंद कुमार गिरफ्तारी को बहुत सही बताते हुए तत्काल इनका भी एनकाउंटर करने की मांग कर डाली। शैलेंद्र ने यह जिज्ञासा जताई कि 'क्या इस इंस्पेक्टर का घर गिराया जाएगा या नहीं'। गिरफ्तारी पर संतोष जताते हुए गौरव ने लिखा कि 'गिरफ्तार किया गया अति उत्तम, सजा भी मिले तो पता चले वर्दी में गुंडागर्दी अच्‍छी बात नहीं'। विवेक ने इन पुलिसकर्मियों के साथ उन पर भी कार्रवाई की इच्‍छा जताई जिनकी छत्रछाया में इनके जैसे पुलिसकर्मी ऐसी घटनाओं को अंजाम देते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.