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जालसाजी कर करोड़पति बन गया हामिद, आतंकियों के नेटवर्क से भी जुड़ा, पूरी हिस्‍ट्री यहां देखें Gorakhpur News

इंस्पेक्टर नरेंद्र यादव ने बताया हामिद अशरफ बस्‍ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र रमवापुर कला गांव निवासी जमीरूल हसन उर्फ लल्ला का असली पुत्र नहीं है। वह उसका गोद लिया हुआ है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 12:21 PM (IST)
जालसाजी कर करोड़पति बन गया हामिद, आतंकियों के नेटवर्क से भी जुड़ा, पूरी हिस्‍ट्री यहां देखें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जनपद के रमवापुर कला गांव निवासी हामिद अशरफ का आंतकी कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। पुलिस और आरपीएफ की टीमें हामिद तक पहुंचने के लिए पिछले दो दिन में नेपाल में डेरा जमाए बैठी हैं। हामिद के तार आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से जुड़े हैं।

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रेल टिकटों के अवैध कारोबार में हुआ था गिरफ्तार

हामिद अशरफ पहली बार वर्ष 2016 में तब पकड़ में आया जब वह एएनएमएस नामक साफ्टवेयर के जरिए जालसाजी करते हुए रेल टिकटों का कारोबार पूरे देश में खड़ा कर चुका था। इसके एजेंट पूरे देश में कई जगहों पर पकड़े गए तो रेल मंत्रालय ने अवैध टिकट के इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। अप्रैल 2016 में बस्ती के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र स्थित दक्षिण दरवाजा के पास से उसे गिरफ्तार किया गया।

जमानत से छूटने के बाद नेपाल में बनाया ठिकाना

जमानत से छूटने के बाद उसने अपना ठिकाना बदल दिया और नेपाल में जा छिपा। तब से वह वहीं पर रह रहा है। चोरी छिपे भारत में आता जाता है। हामिद के बिहार प्रांत से लगने वाली नेपाल सीमा के आसपास रहने

की सूचना पर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। आरपीएफ के साथ बस्ती पुलिस की टीम उसे पकडऩे के लिए संयुक्त रूप से मिलकर काम कर रही हैं। आतंकी संगठनों से जुड़े हामिद की कुंडली आरपीएफ के पास है।

एचएमडी मार्ट चलाने वाले हामिद का पिता भूमिगत

बस्ती के रमवापुर कला गांव में उसके पिता जमीरूलहसन के भाईयों का परिवार रहता है। पिता 80 के दशक में ही गांव छोड़कर कप्तानगंज कस्बे में आ गए। पहले उसने चूड़ी का कारोबार शुरू किया। धन आया तो बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान खोल ली। अकूत धन बढ़ा तो पिता ने दो साल पहले एचएमडी मार्ट खोल लिया। यह मार्ट हामिद अशरफ के नाम पर ही है। यह चल निकला तो बाजार में ही पिता एक और व्यावसायिक कांपलेक्स बनाने लगा। भुवनेश्वर में दो दिन पहले पकड़े गए गुलाम मुस्तफा के जरिए सरगना हामिद अशरफ का नाम सामने आया। गहनता से जांच पड़ताल की गई तो आतंकी संगठनों को फंडिंग किए जाने का खुलासा हुआ। बेटे का नाम आतंकी संगठन से जुड़ते ही पिता जमीरूल हसन भूमिगत हो गया। उसका मोबाइल भी बंद चल रहा है।

बस्ती में पला और जवान हुआ हामिद

आरपीएफ के इंस्पेक्टर नरेंद्र यादव ने बताया हामिद अशरफ बस्‍ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र रमवापुर कला गांव निवासी जमीरूल हसन उर्फ लल्ला का असली पुत्र नहीं है। वह उसका गोद लिया हुआ बच्‍चा है। हामिद अशरफ पढ़ाई के दौरान ही बस्ती में रेल टिकट के कारोबार से जुड़ गया। देखते ही देखते उसने आइआर सीटीसी की वेबसाइट में सेंध लगाकर अपना साफ्टवेयर बना लिया और नाम दिया एएनएमएस साफ्टवेयर। इससे मिनटों का काम सेकंडों में हो जाता है। यह साफ्टवेयर तेजी से चल निकला। इसके एजेंट यूपी ही नहीं देश के विभिन्न बड़े शहरोंं में फैल गए। अब तो इसके कनेक्शन दुबई,पाकिस्तान,बंग्लादेश सहित कई अन्य देशों में फैल चुके हैं। 


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