टेरर फंडिंग : किरायेदार व नौकरों का सत्यापन कराएगी पुलिस
गोरखपुर : टेरर फंडिंग नेटवर्क से जुड़े तीन युवकों के शहर में किराये पर कमरा लेकर रहन
गोरखपुर : टेरर फंडिंग नेटवर्क से जुड़े तीन युवकों के शहर में किराये पर कमरा लेकर रहने की बात सामने आने पर अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। एसएसपी ने सभी थानेदारों को अपने क्षेत्र में रहने वाले किरायेदार व नौकरों के सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। थानेदार पहले इस संबंध में एनाउंस कराएंगे। बाद में कैंप लगाकर सत्यापन के लिए आवेदन लेंगे।
लंबे समय से गोरखपुर शहर अपराधियों की शरणस्थली रहा है। कई बार पुलिस व एसटीएफ ने यहा अपराधियों को पकड़ा है। तीन दिन पहले एटीएस द्वारा टेरर फंडिंग से जुड़े छह लोगों को यहां से गिरफ्तार किया गया, जिसमें तीन आरोपित किराये पर कमरा लेकर रहते थे। मामला संज्ञान में आने के बाद एसएसपी शलभ माथुर ने किरायेदार व नौकरों का भौतिक सत्यापन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी मकान मालिकों को अपने किरायेदार का ब्योरा थाने में देने को कहा जाएगा। इसके लिए थाने में एक दारोगा नियुक्त किया जाएगा। जो किरायेदार के संबंध में जानकारी लेगा। दूसरे जिले के रहने वाले किरायेदार का नाम, पता लेकर उनके मूल निवास वाले पते के थाने से जानकारी ली जाएगी। किसी के बारे में संदेह होने पर संबंधित जिले में पुलिस भेजा जाएगा। अगर कोई मकान मालिक जानकारी नहीं देते हैं और कोई हादसा हो जाता है या फिर कोई अपराधी पकड़ा जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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आतंकी गतिविधियों के बाद जागी पुलिस
शाहपुर, खोराबार क्षेत्र में आइएसआइ से जुड़े तीन लोगों के पकड़े जाने के बाद पुलिस एक बार फिर किरायेदारों के सत्यापन को लेकर आगे आई है। इसके अलावा चोरी व लूट के मामलों में भी पकड़े गए आरोपित सीमावर्ती जिलों से आकर अविकसित कालोनियों में किराये का मकान लेकर रहते पाए गए हैं। इसके चलते ही सत्यापन में और तेजी लाई जा रही है ताकि वारदात के बाद बदमाशों तक आसानी से पहुंचा जा सके।
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पुलिसकर्मियों को भी दिया जाएगा टारगेट
सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा करवाने के लिए हर थाने के पुलिसकर्मियों को टारगेट देने की योजना बनाई जा रही है। थाने के सभी बीट प्रभारियों को सप्ताह में 50 घरों के सत्यापन का जिम्मा देने की तैयारी है। इसके अलावा थानों के कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन आवेदन करने वालों की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी।
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कई साल से चल रही है कवायद
किरायेदार व नौकर का सत्यापन कराने की कवायद पिछले कई सालों से चल रही है, लेकिन लोगों की लापरवाही की वजह से इसे अमल में नहीं लाया जा सका है। पिछले तीन साल में चोरी और लूट के मामलों 60 फीसदी मामलों में किरायेदारों और नौकरों की भूमिका सामने आयी है। फिर भी लोग अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं।
इस संबंध में एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि नौकर व किरायेदार का सत्यापन उसके स्थाई पते से कराया जाएगा। यदि किसी मकान मालिक का किरायेदार घटना को अंजाम देता है तथा उसने सत्यापन नहीं कराया है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।