खिलौना बाजार में चीन का विकल्प तैयार, खूब भाएंगे टेराकोटा के मोटू-पतलू व डोरेमोन
टेराकोटा शुरू से गोरखपुर की पहचान रहा है। पर मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल कराकर इस उत्पाद को वैश्विक पहचान दिलायी है। यहां के शिल्पकारों को भरपूर आर्डर मिलने लगे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की अपील का गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों पर भी असर हुआ है। शिल्पकार बच्चों को लुभाने वाले खिलौने बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। उनकी इस तैयारी को जिला उद्योग केंद्र की ओर से भी प्रोत्साहन मिल रहा है। शिल्पकारों को परंपरागत खिलौने के साथ ही वर्तमान में ब'चों के बीच लोकप्रिय हो चुके मोटू-पतलू व डोरेमोन जैसे चरित्र पर आधारित खिलौने तैयार करने को प्रेरित किया जा रहा है। इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
टेराकोटा को मुख्यमंत्री ने दिलाई है वैश्विक पहचान
टेराकोटा शुरू से गोरखपुर की पहचान रहा है। पर, मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल कराकर इस उत्पाद को वैश्विक पहचान दिलायी है। धीरे-धीरे यहां के शिल्पकारों को भरपूर आर्डर मिलने लगे हैं और उनके जीवन स्तर में सुधार भी आने लगा है। सितंबर महीने में मन की बात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौने के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की अपील की थी। अब तक चीन से आने वाले खिलौनों का बड़ा बाजार रहा है। प्रधानमंत्री की इस अपील के बाद प्रदेश सरकार भी खिलौना उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।
प्रशिक्षण शुरू
गोरखपुर के ओडीओपी को भी इससे जोड़ा गया। अब तक टेराकोटा में परंपरागत खिलौने बना करते थे, लेकिन अब डोरेमोन, मोटू-पतलू व अन्य चरित्र पर आधारित खिलौने बनाने की तैयारी है। भरवलिया के शिल्पकार जितेंद्र कुमार के यहां करीब 20 लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। उद्योग केंद्र की ओर से उन्हें लगातार इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। चरित्र आधारित खिलौने बच्चों को तो पसंद आएंगे ही, ब्रांडिंग में भी काफी आसानी होगी। उद्योग विभाग के उपायुक्त आरके शर्मा का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर है। लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री की अपील के बाद टेराकोटा में चरित्र आधारित खिलौने बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसको लेकर शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया गया है। जल्द ही बेहतर परिणाम मिलेगा।