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Tejas Trial : टेस्ट में पास हुई तेजस, 110 किमी की रफ्तार भरेगी फर्राटा Gorakhpur news

परीक्षण के लिए लखनऊ से गोरखपुर के बीच चलाई गई तेजस एक्‍सप्रेस 279 किमी की दूरी महज चार घंटे में तय कर ली। ट्रायल में तेजस पास हो गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 03:20 PM (IST)
Tejas Trial : टेस्ट में पास हुई तेजस, 110 किमी की रफ्तार भरेगी फर्राटा Gorakhpur news
Tejas Trial : टेस्ट में पास हुई तेजस, 110 किमी की रफ्तार भरेगी फर्राटा Gorakhpur news

गोरखपुर, जेएनएन। लखनऊ से गोरखपुर के बीच अपने पहले ट्रायल में देश की पहली कार्पोरेट एक्सप्रेस 'तेजस' पास हो गई। शुक्रवार को हुए परीक्षण में लखनऊ से गोरखपुर के बीच यह ट्रेन 279 किमी की दूरी महज चार घंटे में तय कर ली। औसत लगभग 110 किमी चार घंटे की रफ्तार चल रही इस ट्रेन में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीस) और रेलवे के अधिकारियों ने यात्री सुविधाओं का परीक्षण किया।

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अधिकारियों ने कहा OK

शुक्रवार सुबह 11 बजे के गोरखपुर पहुंची ट्रेन से उतरने के बाद अधिकारियों ने कहा ओके। अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में बोगियों में लगी यात्री सुविधाओं का परीक्षण किया गया। देखा गया कि सुविधाएं कार्य कर रही हैं या नहीं। ट्रेन की रफ्तार और सुरक्षा तंत्र का भी निरीक्षण किया गया। स्टेशनों के होम सिग्नल पर प्वाइंटों और आउटर सिग्नल पर ट्रेन की रफ्तार और ब्रेक आदि परखी गई।

कई अत्‍याधुनिक सुविधाएं रहेंगी

अधिकतर सुविधाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। कुछ जगहों पर छोटी दिक्कतें हैं, उसी पूरा कर लिया जाएगा। जांच में पता चला कि कुछ कोचों के शीशे चटके हुए हैं। शायद किसी ने पत्थर आदि चला दिया हो। उसे दुरुस्त करा लिया जाएगा। वैसे पॉवर कॉर, आग और हीट की मानीटरिंग करने वाला सेंट्रल मानीटरिंग सिस्टम, गेट खोलने वाले बटन, आटोमेटिक स्मोक सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड आदि उपकरण भी कार्य करते दिखे।

चार अक्‍टूबर से लखनऊ से चलेगी

सुबह 6.45 बजे के आसपास लखनऊ जंक्शन से रवाना हुई इस ट्रेन में आइआरसीटीसी के और रेलवे के संबंधित अधिकारियों और उनकी पूरी टीम थी। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन से उतरने के बाद सबके चेहरे पर खुशी झलक रही थी। उन्हें देखकर लगा था कि मानों उन्हें सारा जहां मिल गया है। हो भी क्यों न। देश की पहली कार्पोरेट ट्रेन का परीक्षण जो सफल हो गया था। इस ट्रेन को आइआरसीटीसी संचालित करेगा। चार अक्टूबर से लखनऊ से दिल्ली के बीच यह ट्रेन फर्राटा भरने लगेगी।

ट्रेन में लगेंगे दस एसी चेयरकार, चलेंगे सिक्यूरिटी गार्ड

गोरखपुर रेलवे स्टेशन यार्ड में खड़ी तेजस एक्सप्रेस की बोगियों में खूबियों को बताते हुए आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि चार अक्टूबर से यह ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने लगेगी। इस ट्रेन में अति आधुनिक कुल दस एसी चेयर कार लगाए जाएंगे। जिसमें नौ जनरल चेयरकार होंगे और एक एक्जिीक्यूटिव कार होगा। जनरल कार में 78 और एक्जीक्यूटिव में 56 यात्री सावर हो सकेंगे। ट्रेन के साथ सिक्यूरिटी गार्ड भी चलेंगे।

किराए पर अभी चल रहा मंथन, 22 से शुरू हो जाएगी बुकिंग

किराए के सवाल पर आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि अभी मंथन चल रहा है। आज भी अधिकारियों के साथ बैठक होगी। वैसे तेजस का किराया भी शताब्दी आदि के आसपास होगा। हवाई जहाज की तरह पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर टिकटों की बुकिंग होगी। त्योहारों या गर्मी की छुट््िटयों में किराए को घटाया-बढ़ाया जाएगा। किराए की घोषणा एक से दो दिन में हो जाएगी। इसके बाद 22 या 23 सितंबर से टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी।

सिर्फ आनलाइन होगी टिकटों की बुकिंग

तेजस ट्रेन के टिकटों की बुकिंग सिर्फ आइआरसीटीसी के वेबसाइट पर आनलाइन होगी। काउंटर से टिकटों की बुकिंग नहीं होगे। टिकटों की जांच के लिए आइआरसीटीसी के लोग चलेंगे। लोको पायलट और गार्ड रेलवे के होंगे। सीट खाली होने पर ट्रेन छूटने के पांच मिनट पहले तक टिकटों की आनलाइन बुकिंग हो सकेगी।

बोगियों में मिलने वाली सुविधाएं

  • वाईफाई की सुविधा होगी, यात्री मोबाइल पर मनोरंजन कर सकेंगे।
  • रास्ते में पत्र-पत्रिकाएं भी मिलेगी। पढऩे के लिए रीडिंग लाइट होगी।
  • कोच अटेंडेंट को बुलाने के लिए सीट के सामने बटन होगा।
  • सीटें आरामदायक हैं, सीटों के सामने टेबल की व्यवस्था है।
  • यात्रियों के सामने डिस्प्ले बोर्ड होगा, जिसपर ट्रेन की स्पीड, अगले स्टेशन और समय आदि की जानकारी मिलती रहेगी।
  • टायलेट और डस्टबिन में सेंसर लगे हैं। टायलेट खाली है कि नहीं सीट पर ही पता चल जाएगा।
  • सेंसर बेस्ट डस्टबिन अपने आप खुलेंगे और बंद हो जाएंगे।
  • टायलेट में भी आटोमेटिक खुलेगा और बंद होगा।
  • दरवाजे मेट्रो के आधार पर हैं। लेकिन वह वन साइडेड हैं।
  • प्रत्येक बोगियों में मिनी किचन होगा।
  • वेंडर ट्राली के साथ खाना और नाश्ता परोसेंगे। बोगियों में ही खाना और पानी को गर्म करने की सुविधा होगी।
  • प्रत्येक बोगियों में आरओ का पानी मिलेगा।
  • ट्रेन में रेलकर्मी, जनप्रतिनिधि या वीआइपी को कोई राहत नहीं मिलेगी।
  • पांच साल से कम उम्र के बच्चों को रेलवे की तरह रियायत मिलेगी।
  • इस ट्रेन के लिए स्टेशनों पर अलग से हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे।

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