भ्रष्टाचार की जांच करने आरटीओ दफ्तर पहुंची अवस्थापना समिति की टीम Gorakhpur News
अवस्थापना टीम के पहुंचने पर दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए हैं। टीम के सदस्यों ने बिना कुछ कहे और सुने सिस्टम की पड़ताल शुरू कर दी है।
गोरखपुर, जेएनएन। संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ दफ्तर) में व्याप्त भ्रष्टाचार की आंच लखनऊ तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देश पर गठित अवस्थापना समिति की टीम गोरखपुर स्थित आरटीओ दफ्तर पहुंची। टीम ने विभागीय कार्यप्रणाली की गहन पड़ताल शुरू कर दी है। शनिवार को जांच के बाद टीम डीएम और कमिश्नर से भी मिलेगी।
अधिकारी और कर्मचारी सकते में
अवस्थापना टीम के पहुंचने पर दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए हैं। टीम के सदस्यों ने बिना कुछ कहे और सुने सिस्टम की पड़ताल शुरू कर दी है। शनिवार को रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, फिटनेस और टैक्स आदि अनुभागों की जांच की। वह एक-एक बिंदुओं की जांच कर देखेंगे कि भ्रष्टाचार की कहां गुंजाइश है। अगर गुंजाइश मिली तो पड़ताल करेंगे कि क्या अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में तो लिप्त नहीं हैं। अगर कहीं भी संलिप्तता पाई तो सीधे कार्रवाई होगी।
टीम का सघन विश्लेषण
सूत्रों के अनुसार टीम के सदस्य देर तक कार्य प्रणाली की कमियां खोजते रहे। कार्यों का सघन विश्लेषण भी किया। संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में समिति के सदस्यों ने कहा कि अब भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। पकड़े जाने पर सीधे कार्रवाई होगी। फिलहाल टीम ने पूरे सिस्टम को अपने कब्जे में ले लिया है।
जांच के लिए ये लोग पहुंचे हैं गोरखपुर
अवस्थापना समिति के सदस्य के रूप में मुख्यालय लखनऊ के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजीव श्रीवास्तव, अलीगढ़ के आरटीओ केडी सिंह और मुख्यालय लखनऊ के आरटीओ संजय नाथ झा गोरखपुर पहुंचे हैं। दरअसल, ओवरलोड ट्रकों से वसूली के मामले में आरटीओ दफ्तर चर्चा में है।
यहां के दो अधिकारी आरोपित
इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) एसपी श्रीवास्तव और पीटीओ (यात्री कर अधिकारी) इरशाद अली आरोपित हैं। दैनिक जागरण ने भी अभियान चलाकर आरटीओ दफ्तर में फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस में व्याप्त अनियमितता को लगातार उजागर किया है। जिसकी गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है।