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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय : नैक मूल्यांकन तक दिनभर विवि में रहेंगे शिक्षक Gorakhpur News

शिक्षकों को सुबह 10 से शाम चार बजे तक विभाग में मौजूद रहने को भी कहा। कुलपति ने बताया कि सेल्फ स्टडी रिपोर्ट अपलोड होने के अगले पंद्रह दिनों तक छात्र संतुष्टि सर्वे चलेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 06:00 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय : नैक मूल्यांकन तक दिनभर विवि में रहेंगे शिक्षक Gorakhpur News
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय : नैक मूल्यांकन तक दिनभर विवि में रहेंगे शिक्षक Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नैक मूल्यांकन के छात्र संतुष्टि सर्वे का जवाब देने के लिए छात्र और विश्वविद्यालय तैयार हैं। इसके लिए विवि के एमबीए कंप्यूटर लैब, कंप्यूटर सेंटर, गणित व सांख्यिकी विभाग में सौ से अधिक कंप्यूटर लगाए गए हैं। शिक्षकों को भी नैक मूल्यांकन तक मुख्यालय न छोडऩे के निर्देश दिए गए हैं।

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दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक प्रशासनिक भवन के कमेटी कक्ष में हुई।

265 शिक्षकों से प्रमाण तैयार रखने को निर्देश

कुलपति प्रो. वीके सिंह ने सभी 265 शिक्षकों से अपने प्रमाण पत्र तैयार रखने और मांगने पर आइक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। शिक्षकों को सुबह 10 से शाम चार बजे तक विभाग में मौजूद रहने को भी कहा। कुलपति ने बताया कि सेल्फ स्टडी रिपोर्ट अपलोड होने के अगले पंद्रह दिनों तक छात्र संतुष्टि सर्वे चलेगा। दस फीसद छात्रों से जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ दस्तावेजों व उनकी नियत तिथि की जांच प्रक्रिया आरंभ होगी, जिसमें 72.26 फीसद मूल्यांकन किया जाएगा। आइक्यूएसी संयोजक प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि छात्र संतुष्टि सर्वे में लिंक आने पर जवाब देने के लिए तैयारी कर ली गई है। बैठक में प्रति कुलपति प्रो. हरी शरण, नैक समन्वयक प्रो. संदीप दीक्षित, प्रो. विजय कुमार, कुलसचिव डा.ओम प्रकाश, प्रो. मुरली मनोहर पाठक, प्रो. अजय शुक्ला, प्रो. वीएन पांडेय, प्रो. जितेंद्र मिश्रा आदि मौजूद रहे।

नैक परखेगी स्मार्ट क्लास की गुणवत्ता

नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड के लिए तैयार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में पठन-पाठन की गुणवत्ता भी परखी जाएगी। नैक की टीम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड स्मार्ट क्लास के वीडियो का परीक्षण करेगी। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास में उपलब्ध संसाधनों से भी रूबरू होगी। टीम जियो टैगिंग के जरिए अपलोड कक्षा कक्षों की हकीकत भी जांचेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन वीडियो अपलोड करने की कवायद में जुटा है। स्मार्ट क्लास के तीन से चार मिनट के आठ वीडियो अपलोड किए जाने हैं। स्मार्ट क्लास में आधुनिक तकनीक से होने वाली पढ़ाई को नैक मूल्यांकन में अहम माना जा रहा है।

स्मार्ट क्लास में बंद पड़े प्रोजेक्टर

गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन 29 विभागों के 37 कक्षों को इनफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आइसीटी) से लैस होने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अंग्रेजी व विज्ञान संकाय के कुछ विभागों को छोड़ दें तो विभागों में स्मार्ट क्लास तो हैं, लेकिन प्रोजेक्टर खराब अथवा बंद पड़े हैं। हालांकि नैक मूल्यांकन में अधिक से अधिक नंबर पाने के प्रयास में जुटा विवि प्रशासन जिन विभागों में स्मार्ट क्लास की स्थिति ठीक नहीं है, उन्हें दुरुस्त करने में जुटा है। बुधवार को कुलपति ने बारह विभागों में साउंड सिस्टम के साथ नए प्रोजेक्टर लगाने की हरी झंडी दे दी। यह कार्य 20 फरवरी तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

संसाधनों की हो रही व्‍यवस्‍था

इस संबंध में दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर के कुलपति प्रो. कृष्‍ण विजय सिंह का कहना है कि कई विभागों में स्मार्ट क्लास में नियमित पढ़ाई होती है। कुछ विभागों में प्रोजेक्टर व अन्य संसाधनों के खराब होने की जानकारी मिली थी। जहां नहीं हैं, वहां नए लगाए जा रहे हैं। नैक मूल्यांकन से पूर्व सब कुछ दुरुस्त करा लिया जाएगा।


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