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Taste of Gorakhpur: पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह भी थे गोरखपुर की इस चाय के मुरीद

Taste of Gorakhpur गोरखपुर शहर के बीचोबीच गोलघर में मौजूद इस चाय की दुकान के मालिक मोहम्मद मुजीब खां कभी यादव के नाम से मशहूर थे। उन दिनों वहां चाय की कोई दुकान नहीं थी सो मुजीब को अपना बाजार बनाने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2022 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 08:20 PM (IST)
Taste of Gorakhpur: गोरखपुर के यादव चाय वाले की ख्याति दूर दूर तक है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। Taste of Gorakhpur: गोलघर का बाजार हो और वहां खरीदारी करने के दौरान चाय की दरकार हो तो मन मारने की जरूरत नहीं है। बड़ी-बड़ी चमचमाती आकर्षक दुकानों के बीच एक छोटी सी गलीनुमा चाय की दुकान आपकी यह डिमांड पूरी कर देगी, स्वादिष्ट चाय पिलाकर। यह कोई मामूली चाय की दुकान नहीं है। बीते पांच दशक से यह ग्राहकों की उम्मीद और जीभ पर खरा उतर रही है। जरूर चाय में कुछ खास है, तभी पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह भी इस चाय के मुरीद थे। एक जमाना वह भी जब गोलघर की आधी दुकानों में इसी चाय का जलवा था।

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आन डिमांड पहुंचती थी चाय

मंगलम टावर के बगल में मौजूद इस चाय के दुकान के मालिक मोहम्मद मुजीब खां कभी यादव के नाम से मशहूर थे और उनकी चाय यादव की चाय के नाम से। तंगी के दिनों उन्हें यह दुकान शहर के रईस मुग्गन बाबू ने उपलब्ध कराई थी। चूंकि उन दिनों वहां चाय की कोई दुकान नहीं थी, सो मुजीब को अपना बाजार बनाने में कोई खास दिक्कत नहीं हुई। आसपास की सभी दुकानों पर उनकी चाय आन डिमांड पहुंचने लगी।

सीएम के बंगले के सामने थी चाय की दुकान

अंगीठी पर बनी सोंधी चाय सभी को खूब भायी। उनकी चाय की चर्चा जब वीर बहादुर सिंह के कानों तक पहुंची तो उन्होंने भी उसे पीना शुरू कर दिया। आज के मंगलम टावर की जगह उन दिनों वीर बहादुर का बंगला हुआ करता था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी गोरखपुर आने के दौरान वह यादव की चाय पीना नहीं भूलते थे। अब जब बाजार बदल चुका है। गोलघर में कई और चाय की दुकानें सजने लगी हैं तो भी मुजीब भाई की चाय के ग्राहक टूटे नहीं हैं। उन्हें तो बस वही चाय चाहिए।

दिन भर लगी रहती है चाय के कद्रदानों की भीड़

कई ग्राहक नियमित रूप से वहां चाय पीने आते हैं क्योंकि आज भी मुजीब की सोंधी चाय कोयले की अंगीठी पर ही बनती है। चाय की गुणवत्ता को लेकर मुजीब किसी समझौते को तैयार नहीं। हालांकि अब उनकी दुकान बेटे बबलू संभालते हैं और दुकान की ख्याति भी उन्हीं के नाम से हो चली है लेकिन गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मुजीब यानी यादव दुकान खुलने से लेकर बंद रहने तक मौजूद रहते हैं।


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