देवरिया कांड में 122 पुलिस कर्मियों की सूची तैयार, सभी के निलंबन की तैयारी
जिन्होंने प्रतिबंध के बाद संस्था में लड़कियों को सौंपा था। शासन ने इसे घोर लापरवाही माना है। ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची तैयार कर ली गई है
गोरखपुर (जेएनएन)। देवरिया के बालगृह बालिका कांड में पुलिस अधीक्षक, सीओ, इंस्पेक्टर व चौकी प्रभारी पर कार्रवाई के बाद महकमे में खलबली मची हुई है। इसके अलावा 122 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। 23 जून 2017 को संस्था पर प्रतिबंध के बाद सभी पुलिस कर्मियों ने गिरिजा त्रिपाठी की संस्था में लड़कियों को भेजा था। जांच पड़ताल के बाद थानेदार, विवेचक उप निरीक्षक, महिला पुलिसकर्मी की लापरवाही उजागर हुई है। निलंबन के अलावा इन सभी पर विभागीय कारवाई भी होगी, जिसकी रिपोर्ट शासन में भेजी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि 20 अगस्त तक कार्रवाई होने की उम्मीद है, सूची तैयार होने के बाद पुलिस कर्मी परेशान हैं। उच्चाधिकारियों पर गाज गिराने के बाद डीजीपी कार्यालय ने उन सभी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की बात कही है, जिन्होंने प्रतिबंध के बाद संस्था में लड़कियों को सौंपा था। शासन ने इसे घोर लापरवाही माना है। ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची तैयार कर ली गई है जिसमें संस्था में लड़कियों के दाखिले से लेकर विवेचक के पीएनओ नंबर, उनका पता समेत अन्य बिंदुओं को जुटाया गया।
सूत्रों का कहना है कि कुछ थानेदारों को छोड़ दिया जाए तो करीब आधे से अधिक थानेदार, तीन दर्जन से अधिक उपनिरीक्षक विवेचक और महिला पुलिसकर्मी जांच के घेरे में आ गए। 122 लापरवाह पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनकर तैयार है। पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी पत्र का हवाला शासन में भेजा गया। जिसका मतलब साफ था कि मातहतों ने एसपी के निर्देशों को नजरअंदाज किया।
सूत्रों का कहना है कि एसपी, सीओ, इंस्पेक्टर पर हुई कार्रवाई पर अगर शासन संतुष्ट हो जाता है तो महकमे में फेरबदल ही होगा, नहीं तो बड़ी कार्रवाई संभव है। मुखबिर फेल, नाकाम रही एलआइयू पर्दाफाश के बाद सवालों के घेरे में आई पुलिस का मुखबिर तंत्र फेल हो गया। संस्था में लड़कियों से काम कराए जाने की शिकायत पहले से थी, लेकिन पुलिस की ओर से जानकारी होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूरे घटना में एलआइयू की भूमिका पर अब सवाल उठने लगे हैं।
एडीजी क्राइम ने मातहतों के साथ की मीटिंग इस बीच मामले की जांच कर रही एसआइटी में शामिल एडीजी क्राइम संजय सिंघल गुरुवार की शाम पांच बजे देवरिया पहुंचे। पुलिस लाइन में उन्होंने टीम के अन्य सदस्यों के साथ मी¨टग की और केस के संबंध में एसटीएफ से जानकारी जुटाई। देर रात तक पुलिस लाइन में विवेचना के संबंध में जानकारी जुटाते रहे। उन्होंने टीम को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया।
विवेचना प्रगति को लेकर एसआइटी को बीस अगस्त को हाईकोर्ट में पेश होना है। फटकार के बाद एसआइटी ने जांच तेज कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर छह अगस्त एडीजी क्राइम संजय सिंघल ने मामले की जांच शुरू की। उनके साथ एसपी पूनम, भारती सिंह भी जांच टीम में शामिल है। प्रारंभिक पड़ताल के बाद 11 अगस्त को संजय सिंह लखनऊ से होते हुए इलाहाबाद पहुंचे।
विवेचना की निगरानी टीम में शामिल एसपी पूनम, भारती ¨सह कर रही थी। करीब छह दिन की जांच पड़ताल में एसआइटी लग्जरी कार, वीआइपी और पीड़ित लड़कियों के बारे में जानकारी नहीं जुटा पाई। विवेचना से असंतुष्ट कोर्ट ने एसआइटी को फटकार लगा चुकी है। अनसुलझे पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने एसआइटी को तत्काल उन्हें विवेचना में उजागर करने को कहा।