स्वीपर ने किया था ऑपरेशन, अस्पताल संचालक दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा Gorakhpur News
निजी अस्पताल में स्वीपर द्वारा प्रसूता का ऑपरेशन कराने के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल संचालक व सहयोगियों के विरुद्ध गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। भटहट स्थित प्रियांशु हास्पिटल में स्वीपर द्वारा प्रसूता का ऑपरेशन कर डिलीवरी कराने के मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल संचालक व सहयोगियों के विरुद्ध गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में मंगलवार को ऑपरेशन से पैदा हुए नवजात की मौत हो गई थी।
भटहट कस्बा स्थित जिस हास्पिटल में यह घटना हुई, उसे एक सप्ताह पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने सील किया था। प्रसूता के ससुर तुलसी की तहरीर पर गुलरिहा थाना में अस्पताल संचालक व सहयोगियों के विरुद्ध धारा 304, 504 व 316 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
यह है मामला
महराजगंज जिले के पिपरालाला निवासी तुलसी अपनी बहू सुनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की शाम सात बजे प्रियांशु हास्पिटल में भर्ती कराए। परिजनों से 15 हजार रुपये जमा कराने के पश्चात देर रात ऑपरेशन से नवजात का जन्म हुआ। बुधवार को दिन में तीन बजे नवजात की हालत बिगडऩे लगी। हास्पिटल के कर्मचारी, परिजनों के साथ उसे झुंगियां स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां थोड़ी देर बाद नवजात की मौत हो गई। बाद में पता चला की ऑपरेशन करने वाला पहले हास्पिटल में स्वीपर का काम करता था।
स्वास्थ्य मंत्री ने ली मामले की जानकारी
स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी से फोन पर इस मामले की जानकारी ली। सीएमओ ने उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
सील तोड़कर अस्पताल संचालित करने के मामले में संचालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। - डॉ. श्रीकांत तिवारी, सीएमओ
फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट बनाने वाले दर्ज हुआ मुकदमा
उधर, जिला अस्पताल में संविदा पर लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत कर्मचारी के विरुद्ध फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट जारी करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। उस पर झारखंड में मजिस्ट्रेट के लिए चयनित विधि छात्रा का फर्जी सार्टिफिकेट बनाने का आरोप है। विधि छात्रा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपित को पुलिस ने हिरासत में लिया था। शांति भंग के आरोप में उसे चालान कर दिया गया है।
शहर की एक विधि छात्रा का झारखंड में अपर जिला जज के पद पर चयन हुआ था। उसे मेडिकल सार्टिफिकेट की जरूरत थी। 20 दिसंबर को छात्रा, सर्टिफिकेट बनवाने जिला अस्पताल पहुंची थी। इस दौरान उसकी मुलाकात जिला अस्पताल में संविदा पर लैब असिस्टेंट रवि कुमार जायसवाल से हुई। आरोप है कि रवि ने सर्टिफिकेट बनवाने का भरोसा देकर छह सौ रुपये वसूल लिया। एक घंटे बाद उसने सीएमओ कार्यालय से जारी मेडिकल सार्टिफिकेट छात्रा को दे भी दिया।
इतनी जल्दी मेडिकल सार्टिफिकेट जारी होने पर छात्रा को हैरानी हुई। दूसरे दिन सार्टिफिकेट लेकर वह सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी से मिली। सीएमओ की जांच में सार्टिफिकेट फर्जी निकला। छात्रा ने तत्काल सीएमओ और जिला अस्पताल के एसआइसी डा. राजकुमार गुप्त लिखित शिकायत की। एसआइसी ने कोतवाली पुलिस को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था। छात्रा ने भी कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। इस आधार पर पुलिस ने रवि कुमार जायसवाल के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।