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तीन तालाबों के सहारे प्रकृति का कर रहे सहयोग, जानिए कैसे किया सराहनीय कार्य Gorakhpur News

महराजगंज के मिठौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत हरिहरपुर के रामकृपाल गुप्ता करीब डेढ़ दशक से अनवरत तीन तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण कर प्रकृति का सहयोग करते आ रहे हैं। उनका यह योगदान काफी सराहनीय और मिसाल कायम करने वाला है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 10:10 AM (IST)
तीन तालाबों के सहारे प्रकृति का कर रहे सहयोग, जानिए कैसे किया सराहनीय कार्य Gorakhpur News
तालाब के पास खड़े हरिहरपुर के रामकृपाल । जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : महराजगंज जिले के मिठौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत हरिहरपुर के रामकृपाल गुप्ता करीब डेढ़ दशक से अनवरत तीन तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण कर प्रकृति का सहयोग करते आ रहे हैं। वर्तमान परिवेश में पर्यावरण असंतुलन के चलते जहां एक तरफ खिसकता जलस्तर लोगों के लिए गंभीर समस्या बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ जल संरक्षण के प्रहरी की भूमिका निभाने वाले रामकृपाल का यह योगदान काफी सराहनीय और मिसाल कायम करने वाला है।

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तालाब से शुरू किया मत्‍स्‍य पालन का काम

विकास खंड क्षेत्र मिठौरा के ग्राम पंचायत हरिहरपुर निवासी रामकृपाल गुप्ता पुत्र परभंस ने ताल की जमीन पर खेती की असुविधा को देखते हुए वर्ष 2005 में एक तालाब से मत्स्य पालन का कार्य शुरू किया। जो आज कुल एक एकड़ भूमि में तीन तालाब खोदवा रखे हैं। इन तालाबों में वर्ष भर पानी भरा रहता है। साथ ही बारिश के पानी के संरक्षण के लिए आस-पास के खाली भूमियों से नालियां भी बनाई गई हैं, जिससे बरसात का पानी तालाबों में आ सके। 

मछली पालन को बनाया व्यवसाय

इंटर की शिक्षा ग्रहण करने के बाद रामकृपाल आगे की पढ़ाई नहीं कर सके, जिसके बाद आजीविका के लिए उन्होंने कृषि कार्य को चुना, लेकिन खेत नीचे होने के कारण बरसात के समय पानी भरने के चलते फसल खराब हो जाती थी। ऐसे में नुकसान होने के कारण उस भूमि में तालाब खुदाई करा मछली पालन का कार्य करने लगे। मछली पालन के लिए ग्राम के जानकारों से सलाह लेकर कार्य शुरू किया। आज साल में करीब एक लाख की आमदनी हो जाती है।

जल संरक्षण की सोच को देना होगा बढ़ावा

मिठौरा, हरिहरपुर के रामकृपाल ने कहा कि आज सभी के लिए जल संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि भविष्य में पानी का संकट एक गंभीर समस्या होगी। ऐसे में सभी लोगों को मिलकर जल संरक्षण की सोच को बढ़ावा देना होगा, जिससे गिरते जलस्तर को कुछ हद तक रोका जा सके। तालाब को अपने मछली पालन के लिए खोदवाया था, लेकिन आज यह पूरी तरह से जल संचयन के काम में आ रहा है।


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