किसानों के लिए मुश्किल बनी गन्ना तौल केंद्र की दूरी, बिचौलियों की चांदी Gorakhpur news
धान क्रय केंद्र दूर होने से किसानों की समस्या बढ़ गई है। किसान बिचौलियों के हाथों अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं।
गोरखपुर, जेएनएन: सिद्धार्थनगर : गन्ने का तौल केंद्र नजदीक न होने से किसान परेशान हैं। खेत से गन्ना लेकर कांटा तक जाने और फिर मिल आने में उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिसकी वजह से वह अपना गन्ना बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। यह स्थिति एक-दो नहीं बल्कि दर्जन भर गांव के गन्ना किसानों की है। ¨सगारजोत, जानकी नगर, सफीपुर, नावडीह आदि गांव के आसपास कहीं कांटा नहीं लगा है। रुधौली चीनी मिल से जुड़ा तरहर में स्थापित कांटा काफी दूर है। इससे समय ही नहीं ढुलाई में भी किसानों को ज्यादा रकम देनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि नजदीक में तौल केंद्र बन जाए और भुगतान आसानी से हो, तो किसानों को सहूलियत मिलेगी। -- गन्ना खेती करने के बाद उसकी तौल कराना, बेचना टेढ़ी खीर है। ऐसे में बिचौलिए ही सहारा बन रहे हैं। अजय यादव, किसान - यहां बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती थी, जो अब कम हो रही है। समस्या खत्म नहीं हुई तो बचे किसानों का भी मोह भंग हो जाएगा। आशीष मिश्रा, किसान - यदि नजदीक में तौल केंद्र बना दिया जाए तो किसानों को सुविधा होगी। गन्ने की खेती को बढ़ावा भी मिलेगा। रामवृक्ष वर्मा, प्रधान ¨सगारजोत - गन्ना तैयार है, लेकिन इसका वाजिब मूल्य कैसे मिलेगा, इसको लेकर ¨चता बनी है। शबरोज अहमद, किसान -- तरहर में कांटा लगा है, लेकिन तीन-चार सालों से उधर के किसान नहीं आए। वह उतरौला में गन्ना बेच देते थे, लेकिन अब नियमों के चलते समस्या हो रही है। अगर वहां के किसान गन्ना लाते हैं तो तौल कराई जाएगी। दयाशंकर, कांटा बाबू - तरहर