International Women Day: यहां रेलवे कोच पर दिख रहे महिलाओं के मजबूत इरादे
यांत्रिक कारखाना में तो पर्दों और सीटों की सिलाई की दुनिया से बाहर निकल महिला रेलकर्मी कोचों की मरम्मत और पेंटिंग कर पुरुषों के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। शहनाज हो या अनुराधा दर्जन भर महिला रेलकर्मी कोचों को पेंट कर रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे को सशक्त बनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। वह भी अब हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदमताल कर रही हैं। यांत्रिक कारखाना में ट्रेनों की मरम्मत हो या ट्रेनों का संचालन। यात्रियों की सुरक्षा हो या सेवा। हर जगह अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं महिलाएं
यांत्रिक कारखाना में तो पर्दों और सीटों की सिलाई की दुनिया से बाहर निकल महिला रेलकर्मी कोचों की मरम्मत और पेंटिंग कर पुरुषों के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। शहनाज हो या अनुराधा, दर्जन भर महिला रेलकर्मी कोचों को पेंट कर रही हैं। जबिक, गीता गुरुंग आदि महिलाओं की टीम दिनभर में तीन से चार कोचों की सीटों की मरम्मत और सिलाई कर देती हैं। सीनियर सेक्शन इंजीनियर अजय कुमार यादव बताते हैं कि महिलाओं के चलते उत्पादन तो बढ़ा ही है, गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है।
हर जगह आगे हैं महिलाएं
कारखाना प्रबंधन तो अब हर कार्यस्थल पर महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपने लगा है। कारखाना ही नहीं ट्रेनों के संचालन और सुरक्षा में भी महिला रेलकर्मी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। छह सहायक लोको पायलट और एक महिला गार्ड यात्री ट्रेनें और मालगाड़ी संचालित कर रही हैं। लखनऊ में तैनात वरिष्ठ सहायक लोको पायलट समता कुमारी हों या गोरखपुर में अपनी ड्यूटी निभा रहीं रुबी कुमारी। चुनौती भरे कार्य को पूरा कर यह महिला रेलकर्मी छात्राओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। रूबी कुमारी कहती हैं, महिलाओं के लिए अब कोई भी कार्य असंभव नहीं रह गया है। कड़ी मेहनत और अनुशासन से किसी भी चुनौती भर कार्य को सफलता पूर्वक किया जा सकता है।
महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही हैं। ऐसे रेलवे भी उनसे अछूता नही है। पूर्वोत्तर रेलवे की बात करें तो वर्तमान मे दो महत्वपूर्ण विभागों की विभागाध्यक्ष महिला अधिकारी हैं। वहीं लखनऊ की मंडल रेल प्रबंधक भी महिला अधिकारी हैं। महिलाएं लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर जैसे पदों पर भी बखूबी कार्य कर रही हैं।
महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी रेलवे ने विभिन्न कदम उठाएं हैं, जिसके अंतर्गत चिन्हित स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम विकसित किया गया है। महिला सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित कर फील्ड में भेजा गया, मेरी सहेली जैसे अभियान चलाया जा रहा है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।