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आजीविका एक्सप्रेस की महिलाओं के आगे बढ़ने की कहानी, उन्हीं की जुबानी

आजीविका एक्सप्रेस से जुड़ी महिलाएं आर्थिक सफलता की गाथा लिख रही हैं। तीन सफल महिलाओं की कहानी कुछ ऐसी ही है। यह महिलाएं पहले आर्थिक तंगी में थीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 08:00 AM (IST)
आजीविका एक्सप्रेस की महिलाओं के आगे बढ़ने की कहानी, उन्हीं की जुबानी
आजीविका एक्सप्रेस की महिलाओं के आगे बढ़ने की कहानी, उन्हीं की जुबानी

गोरखपुर : महिलाओं के जीवन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में आजीविका एक्सप्रेस वरदान साबित हो रहा है। इसकी सूत्रधार हैं देवरिया जिले के भाटपाररानी विकास खंड क्षेत्र की सुनीता देवी, कृष्णावती देवी और प्रेमशीला देवी। इन तीनों महिलाओं ने समूह से जुड़कर बेहतर कार्य करना शुरू कर दिया। इसके बाद ग्राम संगठन समूह गठित कर ली। इनके कार्यों को देखते हुए समूह को सरकार की तरफ से बिना ब्याज के साढ़े छह-छह लाख रुपये तीनों महिलाओं को दिए गए। उक्त पैसे से महिलाओं ने एक-एक बोलेरो गाड़ी खरीदी। उसका संचालन कराकर उससे होने वाली आय से अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ ही तरक्की की राह पर चलकर सफलता की कहानी लिख रही हैं। इनसे प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी आजीविका एक्सप्रेस की राह पर चलने का मन बना चुकी हैं। इन महिलाओं को मुख्यमंत्री ने इंदुपुर में बोलेरो की चाबी सौंपी थी। यह हैं सुनीता देवी, ऐसे बढ़ीं आगे

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आइए सबसे पहले हम बात करें भाटपाररानी विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत कल्याणी भरहां कलावत निवासी सुनीता देवी की। सुनीता देवी की शादी 1995 में हरिनारायण से हुई। कुछ दिन बाद दोनों आर्थिक अभाव में जीवन-यापन करने लगे। जो सुनीता दो साल पूर्व घर की दहलीज नहीं पार करती थी, उसी ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सहयोग से दो फरवरी 2016 को अजगैबी भवानी महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर लिया। समूह को पहली बार 15 हजार रुपये मिले। इसमें से तीन हजार रुपये उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई पर लगा दी। उसके बाद से समूह को पैसे मिलने लगे। फिर कुछ दिन बाद उन्होंने समूह से 30 हजार रुपये लेकर एक दुकान खोली। पंद्रह हजार रुपये लेकर खेती में लगा दी। इसके बाद भी समूह के पास 56 हजार रुपये थे।

सुनीता के अनुसार आजीविका एक्सप्रेस की आम सभा की बैठक ग्राम संगठन में हुई, जिसमें आजीविका एक्सप्रेस के लिए मुझे चुना गया। उसे बाद सुनीता को बिना ब्याज के 6.50 लाख रुपये दिय गए। उक्त रकम से उनहोंने बोलेरो गाड़ी खरीदी। गाड़ी की चाबी मुख्यमंत्री के हाथों से मिली थी। अब उस बोलेरो से हर माह अच्छी आय हो रही है। कृष्णवती भी लिख रहीं आर्थिक उन्नति की गाथा

भाटपाररानी विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत केहुनिया कोठी निवासी कृष्णावती देवी पत्नी लालजी यादव ने राजमाता महिला स्वयं सहायता समूह का गठन होने के बाद सदस्य बनीं। इसके बाद जनहित महिला ग्राम संगठन का भी सदस्य बन गई। ग्राम पंचायत में 19 समूह गठित है, जो सक्रिय हैं। समूह से 20 हजार रुपये पहली बार लेकर भैंस खरीदी। कुछ दिन बाद दस हजार रुपये लेकर बकरी खरीदी। अब भी इनके पास सात बकरियां हैं। कृष्णावती देवी के अनुसार ग्राम संगठन की खुली बैठक में ग्रे¨डग की वजह से मेरा इनका नाम आजीविका एक्सप्रेस के लिए चुना गया और बिना ब्याज के 6.50 लाख रुपये देकर बोलेरो गाड़ी खरीदी गई। आज उस बोलेरो से हर महीने आमदनी हो रही है। प्रेमशीला की बढ़ गई आय

इसी तरह से भाटपाररानी विकास खंड के पुरैना निवासी प्रेमशीला देवी पत्नी परमेश्वर वर्मा ने ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया। समूह से पहली बार इन्होंने 15 हजार रुपये लेकर सब्जी खेती में लगा दिया। सब्जी की खेती से 49 हजार रुपये बचत करके एक पं¨पगसेट और चारा मशीन की खरीदी। आजीविका एक्सप्रेस के लिए ग्राम संगठन की बैठक के दौरान इनको चुना गया और बिना ब्याज के 6.50 लाख रुपये देकर बोलेरो गाड़ी खरीदी। उनकी भी आय बढ़ गई। सुनीता से प्रेरित हो रहीं महिलाएं

कल्याणी भरहां कलावत निवासी सुनीता देवी ने जब आजीविका एक्सप्रेस का लाभ प्राप्त की तो यह देखकर अन्य महिलाओं ने बिना ब्याज के पैसे लेकर गाड़ी खरीदने की इच्छा जताई हैं। इसमें सुगिया देवी, कमलावती देवी और शांति देवी आदि शामिल हैं।


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