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एसटीएफ के हत्थे चढ़ा बर्खास्त फर्जी शिक्षक, तीन पर मुकदमा दर्ज

सिद्धार्थ नगर में तैनात देवरिया के एच बर्खास्त फर्जी टीचर को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है। टीईटी का प्रमाण पात्र फर्जी पाए बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया था। अब पुलिस ने आगे की कार्यवाई की है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:30 AM (IST)
एसटीएफ के हत्थे चढ़ा बर्खास्त फर्जी शिक्षक, तीन पर मुकदमा दर्ज
एसटीएफ ने एक फर्जी टीचर को सिद्धानगर से गिरफ्तार किया ।

गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले बर्खास्त शिक्षक को गोरखपुर एसटीएफ ने रेलवे स्टेशन के पास गिरफ्तार किया। देवरिया जिले के भाटपार रानी क्षेत्र का रहने वाला फर्जी शिक्षक सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज ब्लॉक में तैनात था।

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टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया था। तबसे एसटीएफ उसकी तलाश में थी। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने पकड़े गए बर्खास्त शिक्षक और रुपये लेकर नौकरी दिलाने वाले दो जालसाजों पर कैंट थाने में कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया है।

एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने  वाले शिक्षकों की जांच चल रही है। छानबीन में पता चला कि देवरिया जिले के भाटपाररानी थाना क्षेत्र के कुइचबर गांव का रहने वाला राकेश ङ्क्षसह व खुखुंदू थाना क्षेत्र के बरडीहा निवासी अश्विनी श्रीवास्तव गिरोह बनाकर की फर्जी अंक पत्र तैयार कर अध्यापक के पद पर फर्जी तरीके से नियुक्ति कराते हैं। जांच की गई तो पता चला कि भाटपाररानी के कुइचबर गांव का रहने वाला बृज किशोर यादव उर्फ भोला  डुमरियागंज ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बघारी में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। मामला सामने आने पर बीएसए सिद्धार्थनगर ने जांच कराई तो पता चला कि बृज किशोर यादव के टीईटी का प्रमाण पत्र फर्जी है। जिसके आधार पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर दिया है। मुखबिर की सूचना पर बृज किशोर यादव को सोमवार की शाम गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में बृज किशोर ने बताया कि वर्ष 2000 में उसने हाईस्कूल और 2003 में इंटरमीडिएट की परीक्षा भाटपार रानी के रघुराज ङ्क्षसह इंटरमीडिएट कॉलेज से पास की है। उसके गांव के रहने वाले राकेश ङ्क्षसह ने साथी अश्वनी कुमार की मदद से पांच लाख रुपये लेकर 2015 में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति करा दी। जिसके बाद से वह नौकरी कर रहा था। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने बृज किशोर के साथ ही राकेश ङ्क्षसह और अश्विनी श्रीवास्तव के खिलाफ कैंट थाने में साजिश के तहत कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। राकेश व अश्चिनी की तलाश चल रही है।


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