संयुक्त परिषद की कोरोना काल में मध्यम वर्ग के लिए सीएम से राहत पैकेज की मांग Gorakhpur News
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री से मध्यम वर्ग के लिए कोरोना काल में राहत पैकेज की मांग की है।
गोरखपुर, जेएनएन। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी प्राइवेट अस्पतालों में रियायती दर पर इलाज उपलब्ध कराने की मांग की है। परिषद ने यह भी कहा है कि सरकारी अस्पतालों में कोराेना संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी हो गई है। ऐसे में सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों की रियायती दर में भर्ती कर इलाज कराने की व्यवस्था करनी होगी। परिषद ने कोरोना काल में मध्यम वर्ग के लिए मुख्यमंत्री से राहत पैकेज की मांग की है।
प्राइवेट अस्पतालों में रियायती दर हो इलाज की व्यवस्था
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वत: संज्ञान में लेकर यह व्यवस्था सुनिश्चित करानी चाहिए। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए ताकि कोई मनमानी शुल्क न लेने पाए। साथ ही इलाज में भी किसी तरह की लापरवाही न हो सके। गोरखपुर में ऐसे तमाम केस हो चुके हैं, जब सरकारी अस्पतालों में बेड के अभाव में कोरोना संक्रमित मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भी नहीं भर्ती किया गया। किसी ने भर्ती भी किया तो उसने ज्यादा रकम ली। बैठक में कहा गया कि गोरखपुर में मध्यम वर्ग के ज्यादा लोग रहते हैं। इसमें कई कर्मचारी एवं सेवानिवृत्त अधिकारी/ कर्मचारी भी हैं जो लाखों रुपये का खर्च वहन नहीं कर सकते। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए कोई राहत पैकेज भी नहीं है। कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानमध्यम वर्ग के लोग ही हुए हैं।
गोरखपुर में कोरोना के सर्वाधिक मरीज
वक्ताओं ने कहा कि गोरखपुर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इससे प्रतिदिन मौत भी हो रही है। लगातार कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के कारण सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। संक्रमितों मरीजों के बेड की व्यवस्था कराने, समुचित इलाज सुनिश्चित कराने की दिशा में काम होना चाहिए। बैठक में कहा गया कि यह मुख्यमंत्री का शहर है। ऐसे में यहां पर इलाज की उच्चस्तरीय व्यवस्था भी होनी चाहिए। ताकि इसका संदेश बाहर भी जाए। गोरखपुर-बस्ती मंडल की नियमित कोरोना से संबंधित रिपोर्ट अखबारों के माध्यम से पढ़ी जा रही है। इसमें गोरखपुर में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। उसी हिसाब से मृतकों की भी संख्या बढ़ रही है। अब तो कोई ऐसा दिन नही है जिस दिन दो सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज न मिल रहे हों।
मध्यम वर्ग के लिए कोई नहीं
बैठक में कहा गया कि गरीबी रेखा के नीचे वाले लोगों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज हो जा रहा और उच्च श्रेणी की तो कोई बात ही नहीं है, वे सक्षम है और कहीं भी दवा करा सकते हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी सिर्फ माध्यम वर्ग के लोगों को है। मध्यम वर्ग के लोग लाखों रुपये खर्च करने में अक्षम हैं। ऐसे में राहत पैकेज देना सरकार का काम है। गोरखपुर में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार को विशेष टीम लगानी चाहिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक का संचालन अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने किया। बैठक में नुजरत हुसैन, अशोक पाठक, अरुण दिवेदी, भारतेन्दु यादव, इजहार, फूलचंद मौर्या, ई. श्रीनाथ गुप्ता, फूलचंद मौर्या, उमेश, अनूप, अनिल कुमार श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, राममिलन पासवान, रामचंद्र दुबे, इंद्रजीत दुबे, बीर सिंह, बिटटू मध्देशिया, रामू राणा आदि उपास्थित रहे हैं।