शारदीय नवरात्र : शक्ति पूजा आज से, जानें-कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
प्रथम दिन सुबह 8.48 बजे से सूर्यास्त के पूर्व तक कलश स्थापना की जा सकती है। लेकिन सुबह 1053 से दोपहर 1259 बजे तक सुबह 1136 से दोपहर 1224 बजे तक व सायं 417 से 545 बजे तक सर्वोत्तम मुहूर्त है।
गोरखपुर, जेएनएन। मां शक्ति की आराधना का समय शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू होगा। इसी के साथ मां की उपासना शुरू हो जाएगी। पूर्णाहुति 25 अक्टूबर को हवन से होगी। इसी दिन विजयादशमी मनाई जाएगी। श्रद्धालु तैयारियों में जुट गए हैं। देर रात तक पूजन सामग्रियों की खरीदारी होती रही।
पं. राकेश पांडेय व अरविंद सिंह के अनुसार प्रथम दिन सुबह 8.48 बजे से सूर्यास्त के पूर्व तक कलश स्थापना की जा सकती है। लेकिन सुबह 10:53 से दोपहर 12:59 बजे तक, सुबह 11:36 से दोपहर 12:24 बजे तक व सायं 4:17 से 5:45 बजे तक सर्वोत्तम मुहूर्त है।
23 अक्टूबर को रात में अष्टमी तिथि मिलने से महानिशा पूजा की जाएगी। महाष्टमी व महानवमी व्रत 24 अक्टूबर को है। 24 को सुबह 11.29 से लेकर 25 को सुबह 11.14 बजे तक हवन किया जा सकता है। इसी दिन विजयादशमी मनाई जाएगी। विजय मुहूर्त दिन में 1:52 से 2:37 बजे तक है।
देवी मंदिरों में शारीरिक दूरी के साथ श्रद्घालु कर सकेंगे दर्शन
शारदीय नवरात्र को लेकर देवी मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई हैं। साफ-सफाई कर श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए हैं, जो पूरे नवरात्र कभी बंद नहीं किए जाएंगे। शारीरिक दूरी के साथ मां का दर्शन-पूजन कराया जाएगा। एक साथ पांच से 10 श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश व निकास के अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं।
काली मंदिर गोलघर व दाउदपुर में एक साथ पांच तथा कालीबाड़ी रेती चौक व गोपाल मंदिर मोहद्दीपुर में 10 श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। हर जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। सभी को मास्क लगाकर जाना होगा। मंदिर समिति के स्वयं सेवक शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए तैयार किए गए हैं। फूल मालाओं से मंदिर सजा दिए गए हैं।
बचाव के नियमों का होगा पालन
रेती चौक कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास का कहना है कि कोविड- 19 से बचाव के नियमों का पूरा पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। कालीबाड़ी में इस बार मां की मूर्ति भी स्थापित की गई है। 10 लोग एक साथ दर्शन-पूजन कर सकेंगे। गोलघर काली मंदिर के पुजारी संजय सैनी कहते हैं कि मंदिर की साफ-सफाई हो गई है। मां की मूर्ति से पांच फीट पहले ही बैरीकेडिंग कर दी गई है। श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश व निकास मार्ग बनाए गए हैं।