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बढ़ गई मालगाडि़यों की रफ्तार, समय से पहले पहुंच रहीं यात्री ट्रेनें Gorakhpur News

लॉकडाउन में ट्रेनों की संख्‍या कम होने का सीधा प्रभाव ट्रेनों के संचालन पर पड़ रहा है। इस मालगाडि़यों की रफ्तार बढ़ गई और यात्री ट्रेनें समय से पहले ही स्‍टेशनों पर पहुंच रही हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 01:50 PM (IST)
बढ़ गई मालगाडि़यों की रफ्तार, समय से पहले पहुंच रहीं यात्री ट्रेनें Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। इसे पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की अति सतर्कता कहें या यात्री ट्रेनों की संख्या में कमी। मामला जो भी हो, लेकिन ट्रेनों का समय पालन तो एकदम दुरुस्त हो गया है। यात्री समय से अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। ट्रेनें 100 फीसद समय से चलने लगी हैं। 12 जुलाई को तो पूर्वोत्तर रेलवे की एक भी ट्रेन एक मिनट भी लेट नहीं हुई।

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मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार एक्सप्रेस ट्रेनें तो निर्धारित समय से पहले ही पहुंच जा रही हैं। 12 को वाराणसी मंडल में 26 यात्री ट्रेनें चलाई गईं, जिसमें शिवगंगा और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सहित 20 ट्रेनें समय से पहले ही पहुंच गईं। लखनऊ मंडल में कुल 23 यात्री ट्रेनें चलीं, जिसमें गोरखधाम और सप्तक्रांति एक्सप्रेस सहित 15 ट्रेनें समय से पहले ही पहुंच गईं। यात्री ट्रेनें ही नहीं मालगाडिय़ों की चाल भी बेहतर हुई है। जून में औसत 35.5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली मालगाडिय़ों की गति जुलाई में और बढ़ गई। 12 जुलाई को मालगाडिय़ों की चाल औसत 50 किमी प्रति घंटा रही। इज्जतनगर मंडल में तो मालगाडिय़ां औसत 67 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं। यहां जान लें कि सामान्य दिनों में मालगाडिय़ों की गति 18 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक नहीं हो पाती है।

निजीकरण के विरोध में रेलकर्मियों ने बजाई ताली और थाली

एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के आह्वान पर रेलकर्मियों ने सोमवार को यांत्रिक कारखाने में ताली, थाली, सिटी, घंटी और शंख बजाकर सरकार की नीतियों व निजीकरण का विरोध किया। पदाधिकारियों ने कहा कि यूनियन का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना-प्रदर्शन में रोक के बाद नरमू ने आंदोलन का नायाब तरीका खोज निकाला है। रेलकर्मी दोपहर 11.45 से 12.00 बजे तक लगातार कुछ न कुछ बजाते रहे। मंडल मंत्री दिलीप कुमार धर दूबे ने बताया कि अपनी आवाज को रेलवे प्रशासन तक पहुंचाने के लिए यूनियन ने घंटी बजाओ अभियान शुरू किया है। मंडल अध्यक्ष प्रदीप कुमार धर दूबे ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे रेलवे को निजी हाथों में सौंपती जा रही है। बढ़े हुए महंगाई भत्ता में कटौती कर ली गई। प्रोत्साहन भत्ता को बंद करने की साजिश रची जा रही है। रिक्त पद खाली है, लेकिन पदोन्नति नहीं हो रही। पद सरेंडर किए जा रहे हैं। विरोध करने पर कर्मचारियों का उत्पीडऩ हो रहा है। घंटी बजाओ अभियान में प्रदीप कुमार धर दूबे, हरिश्चंद्र यादव, संजय पांडेय आदि पदाधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई।

24 से सरकार जगाओ सप्ताह मनाएगा पीआरएसएस

पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ (पीआरएसएस) ने भी सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री बजरंगी दूबे के अनुसार सरकार मजदूर विरोधी श्रम कानून बना रही है। विरोध में 24 जुलाई से सरकार जगाओ सप्ताह मनाया जाएगा। अंतिम दिन सरकार और मंत्रालय को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।


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