दिल्ली-मुंबई की स्पेशल ट्रेनों को नहीं मिल रहे यात्री, जानें-क्या है वजह Gorakhpur News
बड़ी मशक्कत के बाद कामगार अपने घरों को पहुंचे हैं। बहुत ऐसे कामगार हैं जो किसी भी कीमत पर बाहर जाना नहीं चाहते हैं। इसलिए ट्रेनों में लगभग 80 फीसद सीटें खाली ही जा रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में फंसे लोगों की सुविधा के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चला तो दी है, लेकिन उन्हें यात्री नहीं मिल रहे। जो लोग अपने घर पहुंच गए हैं वे अभी वापसी की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। काेरोना महामारी के कारण अधिकतर लोग अब यहीं रोजगार तलाशने में लगे हुए हैं। बड़ी मशक्कत के बाद कामगार अपने घरों को पहुंचे हैं। बहुत ऐसे कामगार हैं जो किसी भी कीमत पर बाहर जाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में स्पेशल, खासकर मुंबई जाने वाली ट्रेनों में लगभग 80 फीसद सीटें खाली ही जा रही हैं।
रविवार को सिर्फ 155 यात्री रवाना
रविवार को 02541 गोरखपुर-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सिर्फ 155 यात्री रवाना हुए। 01016 कुशीनगर एक्सप्रेस में भी 239 यात्री ही बैठे थे। जबकि, इन दोनों ट्रेनों में लगभग 1550 सीटें हैं। सोमवार को भी यात्रियों का रुझान कुछ खास नहीं रहा। गोरखपुर-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 271, कुशीनगर एक्सप्रेस में 303, गोरखपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस में 375 तथा गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस में 552 यात्री ही रवाना हुए।
जनरल बोगियां चल रही खाली
दिल्ली की स्थिति भी कमोबेश यही है। सामान्य दिनों में जिन ट्रेनों में सीट के लिए सुबह से लाइन लग जाती थी, उसकी जनरल बोगियां खाली ही चल रही हैं। गोरखधाम में पहली जून से ही औसतन 700 यात्री रवाना हो रहे हैं। इन दिनों वैशाली, सप्तक्रांति, बिहार संपर्कक्रंति और सत्याग्रह एक्सप्रेस में भी औसत 50 यात्री गोरखपुर में सवार होते हैं।
तैयार हो रही स्पेशल ट्रेनों के विस्तार की योजना
स्पेशल ट्रेनों से रेलवे को नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी रेल मंत्रालय विस्तार की योजना बना रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे सहित समस्त जोन ने स्पेशल ट्रेन का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेज दिया है। गोरखपुर से चलने वाली कृषक, इंटरसिटी, दादर व कोचीन आदि प्रमुख ट्रेनों को चलाने की तैयारी चल रही है। फिलहाल, गोरखपुर से दिल्ली के लिए एक, मुंबई के लिए तीन व अहमदाबाद के लिए एक स्पेशल ट्रेन चल रही है।