गोरखनाथ मंदिर में खुलेगा रेलवे का स्पेशल टिकट काउंटर Gorakhpur News
भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने 13 से 16 जनवरी तक गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशेष जनरल टिकट काउंटर स्थापित करेगा। नकहा में भी एक और अतिरिक्त जनरल काउंटर खुलेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। खिचड़ी मेला में जुटने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने इस बार विशेष इंतजाम किया है। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी और स्टेशन की भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन ने 13 से 16 जनवरी तक गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशेष जनरल टिकट काउंटर स्थापित करेगा। नकहा में भी एक और अतिरिक्त जनरल काउंटर खुलेगा।
निरीक्षण करने के बाद दिया निर्देश
गोरखपुर से बढऩी और नौतनवां रेलमार्ग पर 13 से 30 जनवरी तक दो जोड़ी मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। खिचड़ी मेला की तैयारियों को लेकर अपर मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पांडेय की टीम ने गोरखपुर और नकहा स्टेशन का निरीक्षण किया। यात्री सुविधाओं के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया। साथ ही सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष जोर देने का निर्देश दिया।
ये है मेला स्पेशल ट्रेने
55095 नंबर की गोरखपुर बढऩी ट्रेन गोरखपुर से रात 9.05 बजे से रवाना होकर 1.30 बजे बढऩी पहुंचेगी। वापसी यात्रा में 55096 नंबर की ट्रेन बढऩी से रात 2.45 बजे रवाना होकर सुबह 6.40 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। 55097 नंबर की नौतनवां-गोरखपुर ट्रेन नौतनवां से रात 10.45 बजे रवाना होकर 1.45 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। वापसी यात्रा में 55098 नंबर की ट्रेन गोरखपुर नौतनवा स्पेशल ट्रेन गोरखपुर से रात 2.30 बजे रवाना होकर सुबह 5.45 बजे नौतनवां पहुंचेगी।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में स्पेश 25 लगा
गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेले की सुरक्षा के लिए आतंक निरोधी दस्ते का गठन किया गया है। 25 पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर इस दस्ते का गठन किया गया है। इसकी अगुवाई खुद एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त करेंगे। उन्होंने दस्ते में शामिल जवानों की निशानेबाजी सहित अन्य क्षमताओं का परीक्षण किया। खिचड़ी मेले के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह में भी यह दस्ता सुरक्षा में तैनात रहेगा। खिचड़ी मेले में जुटने वाली श्रद्धालुओं की संख्या की वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रहती है। भीड़भाड़ का लाभ उठाकर अराजकतत्व अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। कई बार ऐसी स्थिति से सामान्य पुलिसकर्मी उस तत्परता से नहीं निपट पाते, जिस तत्परता की जरूरत होती है। एसएसपी ने इस बार आतंक निरोधी दस्ता गठित करने का फैसला किया। जिले में तैनात पुलिसकर्मियों में से युवा और तेज-तर्रार सिपाहियों और दारोगा का चयन कर उन्होंने इस दस्ते का गठन किया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।