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जब अटल ने कहा-सबके पास दो भुजी, हम आपके लिए अष्टभुजी लाए हैं Gorakhpur News

भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी का संतकबीर नगर जिले की माटी से गहरा लगाव रहा है। जनसंघ के समय में पार्टी का विस्तार करने के लिए बस्ती या गोरखपुर प्रवास के लिए आने पर वह मेंहदावल में जाने को विशेष प्राथमिकता देते थे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 05:00 PM (IST)
पूर्व प्रधान मंत्री स्‍वत्र अटल बिहारी वाजपेयी की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। आजाद भारत की राजनीति में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का नाम हमेशा के लिए अमर हो चुका है। आज भी जिले के राजनैतिक हलकों में उनके बयानों को याद किया जाता है। वर्ष 1996 के लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जब कहा कि सबके पास दो भुजी है, हम तो अपके लिए अष्टभुजी लेकर आए हैं। लोग बाग-बाग हो गए थे। खलीलाबाद से अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।

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भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी का संतकबीर नगर जिले की माटी से गहरा लगाव रहा है। जनसंघ के समय में पार्टी का विस्तार करने के लिए बस्ती या गोरखपुर प्रवास के लिए आने पर वह मेंहदावल में जाने को विशेष प्राथमिकता देते थे। उनके संस्मरण आज भी लोग गौरव के साथ सुनाते हैं। 1967 में चुनाव के दौरान वह मेंहदावल में विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रशेखर सिंह के पक्ष में जनसभा की थी। इस चुनाव में उन्हें जीत भी मिली थी। इसी क्रम में 1996 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद के परिसर में अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल के समर्थन में जनसभा के दौरान अपने सधे वाक्यों से ज्योंही विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि भाई हर बात अलग है हमारी, हर दल दो भुजी लेकर आए हैं। हम आपके क्षेत्र के विकास के लिए अष्टभुजी लेकर आए हैं। यह सुनकर पूरा पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा था।

उन्हें दिल्ली में रहने दीजिए, हमको दीजिए प्रदेश के विकास का मौका

मेंहदावल के अंजहिया बाजार में जनसंघ के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए अटल जी ने प्रदेश प्रभारी रहने के दौरान कहा कि उन्हें यानी कि कांग्रेस को दिल्ली में रहने दीजिए, हमें प्रदेश के विकास का मौका चाहिए। अपने कविताओं भरे संबोधन से उन्होंने लोगों में इतना जोश भरा कि भारी मतों से जनसंघ के प्रत्याशी को जीत मिली थी।

अंतिम बार 2004 में आए थे अटल जी

सोनबरसा में पूर्व मंत्री चंद्रशेखर सिंह के यहां उनका आना-जाना रहता था। स्व. चंद्रशेखर सिंह की पुत्रवधू उर्मिला सिंह बताती हैं कि घर पर उनका आशीर्वाद लेने का अवसर मिला था। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री स्व.धनराज यादव, स्व. हरिश्चंद्र श्रीवास्तव और स्व. माधव प्रसाद त्रिपाठी और बाबूजी उन्हें प्रेरणाश्रोत मानकर पार्टी के साथ पूरे जीवन लगे रहे। अटल जी अंतिम बार 2004 में प्रधानमंत्री रहने के दौरान खलीलाबाद आए थे। यहां जूनियर हाईस्कूल के परिसर में उन्होंने राम प्रसाद चौधरी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया था।


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