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World child labor prohibition day: गोरखपुर पुलिस की उपलब्धि, मजदूरी करने वाले 210 बच्‍चों ने पकड़ी कलम

पांच साल से जिले में एएचटी थाना काम रहा है। जिसका मुख्य काम मानव तस्करी रोकने के साथ ही भीख मांगने वाले गिरोह में चंगुल में फंसे किशोर व बालश्रम करने वालों को मुक्त कराकर मुख्यधारा से जोडऩा है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 03:10 PM (IST)
एसएसपी दिनेश कुमार पी का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (एएचटी) थाने की सजगता से पिछले 16 माह के भीतर मजदूरी करने वाले 210 हाथों ने कलम पकड़ ली। इससे पहले बालक व बालिका शहर और गांव के होटल, ढाबा, दुकान और फैक्ट्री में काम करते थे। मुक्त होने के बाद अब मुख्यधारा में लौटकर पढ़ाई कर रहे हैं। यह सब कमाल पुलिस की सजगता है। पुलिस की निगाहें अब भीख मागने वाले गिरोह पर लगी हुई है। उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उनके गिरोह का खात्‍मा कर उनके चंगुल से भी बच्‍चों को मुक्‍त कराया जाएगा।

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एएचटी थाना की 16 माह की उपलब्धि

पांच साल से जिले में एएचटी थाना काम रहा है। जिसका मुख्य काम मानव तस्करी रोकने के साथ ही भीख मांगने वाले गिरोह में चंगुल में फंसे किशोर व बालश्रम करने वालों को मुक्त कराकर मुख्यधारा से जोडऩा है। पिछले 16 माह में थाना प्रभारी व उनकी टीम ने 210 बालक व बालिका को जोड़ा है। एएचटी थाना प्रभारी दिनेश कुमार की मानें तो होटल, ढाबा, फैक्ट्री व दुकान में काम करने वाले जिन बालक व बालिका को मुक्त कराया गया वह मजबूरी में काम कर रहे थे। शिक्षित न होने की वजह से स्वजन ने भी उन्हें स्कूल की जगह काम करने भेज दिया। स्वजन की काउंसिलिंग की गई तो वे बच्‍चों को पढ़ाने के लिए तैयार हो गए। एक जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक 161 बालक व 14 बालिका को बाल श्रम से मुक्त कराया गया। 2021 में जनवरी से अब तक 34 बालक व एक बालिका का रेसक्यू हुआ है।

बड़ी संख्या में काम कर रहे बालश्रमिक

शहर में अभी भी बड़ी संख्या में बाल श्रमिक दुकान, फैक्टी, होटल व ढाबा में काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में शहर के भीतर भीख मांगतेे भी दिख जाएंगे। मुक्त कराए गए बालक व बालिका की तुलना में इनकी संख्या कहीं ज्यादा है। कम उम्र के बच्‍चों से असावधानी पूर्वक काम कराने की वजह से हमेशा यह खतरों से घिरे होते हैं। एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि बाल श्रम कराने वालों पर पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। इस काम में स्वयंसेवी संस्था और सामाजिक कार्यकर्ताओं भी मदद ली जा रही है। कैंट व एएचटी थाने में कई आरोपितों के खिलाफ मुकदमे हुए हैं। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।


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