Lockdown in Gorakhpur: रमजान में आतंकी समेत चार विदेशी बंदियों का रखा जा रहा विशेष ख्याल Gorakhpur News
पाकिस्तानी बंदी मशरूर को हत्या साजिश रचने आदि जैसे गंभीर आरोपों में आजीवन कारावास की सजा मिली है। इसके अलावा तीन विदेशी बंदियों पर भी रमजान में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। जिला जेल में बंद पाकिस्तानी आतंकी समेत चार विदेशी बंदियों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। हाई सिक्योरिटी में बंद इन बंदियों के स्वास्थ्य की डॉक्टर प्रतिदिन जांच कर रहे हैं। इन्हें अन्य बंदियों से कम ही मिलने दिया जा रहा है। संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन लगातार जुटा हुआ है।
बंदियों में शामिल है एक पाकिस्तानी, एक जर्मनी व दो नाइजीरियन
जिला जेल में इस समय करीब 1500 बंदी हैं। जिनमें एक पाकिस्तानी, एक जर्मन और दो नाइजीरियन हैं। पाकिस्तानी बंदी मशरूर पहले वाराणसी जेल में बंद था। उसे हत्या, साजिश रचने आदि जैसे गंभीर आरोपों में आजीवन कारावास की सजा मिली है। एक वर्ष पहले उसे गोरखपुर जेल में शिफ्ट किया गया है।
मादक पदार्थों की तस्करी में सजा काट रहे विदेशी
वहीं जर्मनी के मैनफ्रेंड व दोनों नाइजीरियन को मादक पदार्थों की तस्करी में पकड़ा गया था। कोर्ट की सुनवाई के बाद जर्मनी और नाइजीरिया अपराधियों को सजा हो चुकी है। यह दोनो सजा काट रहे हैं।
195 बंदियों ने रखा रोजा
इस बार रमजान में जेल में बंद 195 बंदियों ने रोजा रखा। इसमें पाकिस्तानी मशरूर भी शामिल है। रोजा रखकर इन बंदियों ने देश को कोरोना मुक्त करने की दुआ मांगी। जेल प्रशासन की ओर से उनके रोजा इफ्तार व सहरी की व्यवस्था की गई है। इफ्तार में दूध, छुहारा आदि सामग्री शामिल हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया कि रोजा रखने वाले बंदियों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
इस जिले में भी 85 मुस्लिम बंदी कर रहे इबादत
अपराध के बाद आरोपित भले ही जेल की सलाखों के पीछे हो, लेकिन उनके द्वारा खुदा की इबादत का रंग जेल में भी चढ़ा है। महराजगंज जिला कारागार में 85 बंदी रोजा रख रहे हैं। सुबह सहरी और शाम को इफ्तार करने के बाद जेल की बैरकों में भी नमाज पढ़ी जा रही है। कोरोना वायरस को देखते हुए बंदी फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग का पालन कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कारागार प्रशासन इफ्तार और सहरी के लिए बंदियों का ख्याल रखा जा रहा है।
मुस्लिम बंदियों से नहीं लिया जाएगा एक माह तक कोई काम
जेल में 874 के करीब बंदी हैं। लॉकडाउन की वजह से जेल में मुलाकात पर रोक लगी हुई है। इसी बीच रमजान माह शुरू हो गया। करीब 85 बंदियों ने रोजा रखने के लिए जेल प्रशासन से अनुमति मांगी। बंदियों की ओर से जेल में इबादत शुरू कर दी गई। साथी बंदी भी रोजेदारों का सहयोग कर रहे हैं। नमाज पढऩे की जगह हो या इफ्तार की हर जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। मास्क लगाकर बंदी जेल में रहते हैं। एक महीने तक जेल में उनसे कोई काम भी नहीं लिया जाएगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एके ङ्क्षसह ने बताया कि रमजान के चलते बंदियों को रोजा रखने की इजाजत दी गई। कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार की ओर से सुरक्षा के लिए जारी गाइड लाइन का पालन कराया जा रहा है। सुबह सहरी में दूध ब्रेड और शाम को इफ्तार में फलाहार दिया जाता है। नमाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई। एक माह रोजा रखने वाले बंदियों का ख्याल रखा जाएगा।