गोरखपुर के डेढ़ लाख घरों में अगले माह से लगाया जाएगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर
गोरखपुर में अगले माह से फिर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा। अगस्त 2020 तक करीब 56 हजार 662 घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए गए थे। अब फिर से स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिजली निगम अगले महीने से महानगर के करीब डेढ़ लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू कर देगा। इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी गई है। पहले उन क्षेत्रों में ये मीटर लगाए जाएंगे, जहां बिजली चोरी के अधिक मामले आते हैं। अभी तक थ्री जी मीटर घरों में लगाए गए हैं, नया मीटर फाेर जी तकनीक का होगा।
56 हजार घरों में लग चुका है मीटर
महानगर में दो लाख सात हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं। यहां वर्ष 2019 में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया गया था। 12 अगस्त 2020 तक करीब 56 हजार 662 घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए गए थे। कुछ दिन बाद अचानक स्मार्ट मीटर लगाना बंद कर दिया गया। तकनीकी खराबी के कारण कई घंटे तक बिजली व्यवस्था चरमरा जाने से स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोक दिया गया था।
अब एक बार फिर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जा रहा है। महानगर में स्मार्ट मीटर के प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि जून के अंतिम सप्ताह में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली चोरी की आशंका भी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर वाले 56 हजार 662 उपभोक्ताओं में से करीब 55 हजार 848 ने बिल जमा कर दिया है।
आज इन क्षेत्रों में गुल रहेगी बिजली
नगरीय विद्युत वितरण खंड चतुर्थ राप्तीनगर के अधिशासी अभियंता अविनाश गौतम ने बताया कि शाहपुर उपकेंद्र के फीडर के ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने के कारण सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक बिजली गुल रहेगी। इससे विष्णु मंदिर, आवास विकास, शिवपुर शाहबाजगंज, राप्ती कंपलेक्स, जिला जेल, खरैया पोखरा, आदित्य पुरी, गीता वाटिका, पीएसी आदि क्षेत्र में छह घंटे तक बिजली नहीं रहेगी।
गोरखपुर विश्वविद्यलय का ट्रांसफार्मर जला, बिजली के लिए हाहाकार
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक और कर्मचारी इन दिनों बिजली न होने के संकट से जूझ रहे हैं। बिजली न होने के चलते परिसर, हास्टल और आवासीय कालोनी में भी पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन लगा ट्रांसफार्मर 19 मई की दोपहर अचानक जल गया। उस दिन से अब तक न तो वह ट्रांसफार्मर ठीक हो सका है और न ही उसकी जगह नया ट्रांसफार्मर ही लगा है।
वैकल्पिक स्रोत जेनरेटर से ही उस दिन से प्रशासनिक भवन काे सप्लाई दी जा रही है। समस्या तब और बढ़ गई जब विश्वविद्यालय परिसर, छात्रावासों और शिक्षकों, कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र में भी बिजली कटने लगी। इस संबंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है। जल्द बिजली की दिक्कत दूर हो जाएगी।