Move to Jagran APP

बैंकॉक से गोरखपुर पहुंचा स्वाइन फ्लू, अब तक छह लोग चपेट में

गगहा का एक व्यक्ति बैंकाक गया था। जब वह वहां से लौटा तो वह बीमार पड़ गया। पता चला कि उसे स्वाइन फ्लू हो गया है। इससे छह लोग पीड़ित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:29 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:29 PM (IST)
बैंकॉक से गोरखपुर पहुंचा स्वाइन फ्लू, अब तक छह लोग चपेट में

गोरखपुर, जेएनएन। स्वाइन फ्लू का शिकार बने गगहा के शिक्षक संजय सिंह कुछ दिनों पहले बैंकॉक से लौटे थे। बैंकॉक से आने के बाद से ही वह बीमार हो गए। माना जा रहा है कि उन्हें बैंकॉक में ही संक्रमण हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके घर जाकर परिजनों की जांच की और पूरी जानकारी ली। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में शहर में अब तक छह लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से दो की मौत एसजीपीजीआइ लखनऊ में हो गई है। चंद्रमोहन दुबे लखनऊ के चिनहट में रहते थे लेकिन उन्होंने अपना पता गोरखपुर का हुमायूंपुर दक्षिणी लिखवाया था। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गोरखपुर का केस मानने से इंकार कर दिया है। रैपिड एक्शन टीम के प्रभारी एसीएमओ डॉ. एसके द्विवेदी ने बताया कि प्रभावित परिवारों की जांच की गई और जरूरत दिखने पर दवाएं भी दी गई।

loksabha election banner

प्राइवेट में सात हजार, बीआरडी में मुफ्त जांच

बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्वाइन फ्लू की निश्शुल्क जांच हो रही है। प्राइवेट पैथोलॉजी में यह जांच सात हजार रुपये तक में हो रही है। बीआरडी में रोजाना औसतन दस से 15 संदिग्ध मरीजों के सैंपल पहुंच रहे हैं।

अधूरी तैयारी के बीच कैसे लड़ेंगे स्वाइन फ्लू से

स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट के बाद भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में तैयारियां मुकम्मल नहीं हुई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड नम्बर 6 के बाहर एक कमरे के आठ बेड का स्वाइन फ्लू वार्ड बनाने की शुक्रवार दोपहर तैयारी शुरू हुई। जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड इमरजेंसी के बगल में गलियारे में बनाया गया है। प्लास्टिक से वार्ड के एक हिस्से को ढका गया है। यदि कोई स्वाइन फ्लू का मरीज यहां भर्ती होगा तो दूसरों को बीमारी होने की आशंका बनी रहेगी। हालांकि जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता का कहना है कि अभी कोई मरीज नहीं आया है। यदि आएगा तो दूसरा वार्ड बना दिया जाएगा।

स्टाफ को ही नहीं लगी वैक्सीन

एन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए स्वाइन फ्लू मरीजों के इलाज में रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाती है लेकिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के ज्यादातर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को अब तक वैक्सीन नहीं लग सकी है। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि यदि वैक्सीन नहीं लगेगी तो वह स्वाइन फ्लू मरीजों के वार्ड में नहीं जाएंगे।

ये है स्वाइन फ्लू के लक्षण

स्वाइन फ्लू एक तीव्र संक्रामक रोग है। यह एन्फ्लूएंजा वाइरस (एच-1 एन-1) से होता है।

प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं, जैसे - नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सर्दी-खासी, बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेटदर्द, कभी-कभी दस्त उल्टी आना

रोगी के खासने, छींकने से बीमारी फैलती है। रोगी अपने मुंह या नाक पर हाथ रखकर जिस वस्तु को छूता है वह भी संक्रमित हो जाती है।

संक्रमित होने के एक से सात दिनों में लक्षण दिखते हैं

इनको संक्रमित होने की ज्यादा आशंका

कमजोर व्यक्ति, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्धजन एवं बीमार लोग इससे तत्काल प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए बचाव जरूरी है।

ऐसे करें बचाव

प्रभावित मरीज से खासी, जुकाम, बुखार के रोगी दूर रहें।

प्रभावित व्यक्ति आख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं व हाथों को साबुन से धोकर साफ करें।

खासते, छींकते समय मुंह व नाक पर कपड़ा रखें।

सहज व तनावमुक्त रहिए। तनाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।

जनता करे सहयोग

सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की। कहा कि यदि किसी को आस-पड़ोस में स्वाइन फ्लू के लक्षण वाला मरीज दिखता है तो उसे फौरन चिकित्सक के पास जाने की सलाह दें। स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर प्राइवेट डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सूचना दें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.