यहां से रेल कार में बैठकर करीब से देखें बाघ और बारहसिंघा
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू कर दी है। रेल कार और रेल बस से जंगली जानवरों को करीब से दिखाने की तैयारी चल रही है।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 12:48 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 09:48 AM (IST)
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। दुधवा नेशनल पार्क का भ्रमण अब और रोमांचकारी होगा। पर्यटक नानपारा से मैलानी के बीच ट्रेन में बैठकर वन्य जीवों (बाघ और बारहसिंघा आदि) को नजदीक से देख सकेंगे। इसके लिए रेल कार और रेल बस चलाई जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू कर दी है।
पर्यटकों को लुभाने के लिए वन क्षेत्र में पडऩे वाले छोटे-बड़े सभी 15 स्टेशनों के बीच सिर्फ रेल कार और रेल बस चलाई जाएंगी। वन्य जीव संरक्षण के तहत यात्री ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी, छोटी लाइन के इस मार्ग से होकर गाडिय़ां नहीं चलेंगी।
रेल कार और बस डेमू ट्रेन की तरह ही होंगी। इसके दोनों तरफ इंजन लगे होंगे। बाहर का दृश्य देखने के लिए खिड़कियां पूरी तरह से खुली होंगी। इनका संचलन रेलवे प्रशासन स्वयं करेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, इस छोटी लाइन का पूरा उपयोग भी हो जाएगा। वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए ही नानपारा से मैलानी (छोटी लाइन) तक लगभग 170 किमी रेलमार्ग के आमान परिवर्तन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
इन स्टेशनों के बीच चलेगी कार
नानपारा, रायबोझ, गायघाट, त्रिहिनपुरवा, ककरहा रेस्ट हाउस, मर्तिहा निशानगाढ़ा, बिछिया, मंछरा पूरब, खैरतिया बांध रोड, तिकुनिया, बेलराया, दुधवा, पलिया कलां, मीरा खेरी और मैलानी।
इज्जतनगर कारखाने में बन रहीं कार
रेल कारों और बसों का निर्माण भी शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर कारखाने में फिलहाल दो कारें बन रहीं हैं। प्रथम चरण में दोनों कारें दुधवा नेशनल पार्क में चलाई जाएंगी। आवश्यकतानुसार रेल बसों और अन्य कारों की व्यवस्था की जाएगी।
रेलवे ने शुरू की तैयारी
एनईआर के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा व वन्य जीवों के संरक्षण के लिए यहां रेल कार व बस चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पर्यटकों को लुभाने के लिए वन क्षेत्र में पडऩे वाले छोटे-बड़े सभी 15 स्टेशनों के बीच सिर्फ रेल कार और रेल बस चलाई जाएंगी। वन्य जीव संरक्षण के तहत यात्री ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी, छोटी लाइन के इस मार्ग से होकर गाडिय़ां नहीं चलेंगी।
रेल कार और बस डेमू ट्रेन की तरह ही होंगी। इसके दोनों तरफ इंजन लगे होंगे। बाहर का दृश्य देखने के लिए खिड़कियां पूरी तरह से खुली होंगी। इनका संचलन रेलवे प्रशासन स्वयं करेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, इस छोटी लाइन का पूरा उपयोग भी हो जाएगा। वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए ही नानपारा से मैलानी (छोटी लाइन) तक लगभग 170 किमी रेलमार्ग के आमान परिवर्तन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
इन स्टेशनों के बीच चलेगी कार
नानपारा, रायबोझ, गायघाट, त्रिहिनपुरवा, ककरहा रेस्ट हाउस, मर्तिहा निशानगाढ़ा, बिछिया, मंछरा पूरब, खैरतिया बांध रोड, तिकुनिया, बेलराया, दुधवा, पलिया कलां, मीरा खेरी और मैलानी।
इज्जतनगर कारखाने में बन रहीं कार
रेल कारों और बसों का निर्माण भी शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर कारखाने में फिलहाल दो कारें बन रहीं हैं। प्रथम चरण में दोनों कारें दुधवा नेशनल पार्क में चलाई जाएंगी। आवश्यकतानुसार रेल बसों और अन्य कारों की व्यवस्था की जाएगी।
रेलवे ने शुरू की तैयारी
एनईआर के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा व वन्य जीवों के संरक्षण के लिए यहां रेल कार व बस चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
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