Corona virus : राप्तीसागर एक्सप्रेस के संदिग्ध यात्री में नहीं मिले कोरोना के लक्षण Gorakhpur News
छह मार्च को गोरखपुर से चेन्नई के लिए रवाना हुई 12511 राप्तीसागर एक्सप्रेस में एक यात्री की तबीयत खराब होने पर प्राथमिक जांच में कोरोना वायरस के लक्षण होने का संदेह हुआ था।
गोरखपुर, जेएनएन। राप्तीसागर एक्सप्रेस के संदिग्ध यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। रेलवे चिकित्सकों के अनुसार जांच में दोनों ब्लड सेंपल निगेटिव पाए गए हैं। अब संबंधित ट्रेन के किसी भी यात्री व रेलकर्मी की जांच नहीं होगी। आराम के लिए विशेष छुट्टी पर भेजे गए चारो टीटीई (चल टिकट परीक्षक) को भी अब ड्यूटी पर बुला लिया जाएगा।
छह मार्च को चेन्नई रवाना हुई थी राप्तीसागर एक्सप्रेस
छह मार्च को गोरखपुर से चेन्नई के लिए रवाना हुई 12511 राप्तीसागर एक्सप्रेस के एस 4 कोच में एक यात्री की तबीयत खराब होने पर प्राथमिक जांच में कोरोना वायरस के लक्षण होने का संदेह हुआ था। वारांगल स्टेशन पर सभी यात्रियों सहित बीमार यात्री को भी उतार लिया गया। रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर से चलने वाले चारों टीटीई को भी जांच के लिए निर्देशित कर दिया था।
रेलवे प्रशासन ने ली राहत की सांस
फिलहाल, संदिग्ध यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिलने पर रेलवे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। जन जागरूकता अभियान के साथ सतर्कता और बढ़ा दी गई है। रेलकर्मियों के लिए अलग से कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। यांत्रिक कारखाना में 31 मार्च तक बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी पर रोक लग गई है। लोको पायलटों को सेनेटाइजर मुहैया कराई जा रही है।
अस्पताल में खांसी और बुखार के लिए अलग से ओपीडी
ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल में एहतियातन खांसी और बुखार के लिए अलग से ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) तैयार किया गया है। खांसी और बुखार के रोगियों के पहुंचने पर तत्काल ओपीडी में जांच की जा रही है। पहले से ही कोरोना के लिए अलग से वार्ड तैयार किया गया है।
14 दिन वार्ड में रखे जाएंगे विदेश से आने वाले रेलकर्मी व यात्री
रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार विदेश से यात्रा कर लौटे रेलकर्मी और यात्रियों को 14 दिन अस्पताल स्थित वार्ड में रखा जाएगा। इस दौरान ब्लड की जांच कराई जाएगी। चिकित्सकों की टीम लक्षणों पर भी नजर रखेगी।