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फरवरी 2024 तक मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला : गोविंद देव गिरि

श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि जनवरी-फरवरी 2024 तक रामलला को मंदिर में विराजमान कर दिया जाएगा। पूजन-अर्चन शुरू हो जाएगा। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। निर्माण कार्य उसके बाद भी चलता रहेगा।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 03:36 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 09:11 AM (IST)
फरवरी 2024 तक मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला : गोविंद देव गिरि
गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत करते श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि जनवरी-फरवरी 2024 तक रामलला को मंदिर में विराजमान कर दिया जाएगा। पूजन-अर्चन शुरू हो जाएगा। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। निर्माण कार्य उसके बाद भी चलता रहेगा। निर्माण पूरा कब होगा, इसके बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

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गोविंद देव गिरि मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वह यहां साकेत नगर में बतौर कथा व्यास पधारे है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में खुशहाली का माहौल है। मोदी व योगी की सरकार में चारो तरफ विकास की धारा प्रवाहित हो रही है। आम आदमी सुकून से जी रहा है। अपराध कम हो गए हैं। भ्रष्टाचार पर रोक लग गई है। सारे कार्य गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हो रहे हैं। आम आदमी अपने को सुरक्षित महसूस कर रहा है। इस सरकार ने हमारे माथे से गुलामी का दाग धोने का कार्य किया है। जिन शहरों के नाम भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं थे, उन्हें इस सरकार ने बदलकर अपनी संस्कृति से जुड़े नाम रखकर गुलामी का दाग धोया है। इससे आम जन प्रसन्न है। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज व फैजाबाद का नाम अयोध्या रखकर सरकार ने अपनी संस्कृति को महत्व दिया है।

उन्होंने कहा कि देश-विदेश में गीता परिवार के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गीता का वाचन सिखाया जा रहा है। ताकि लोग गीता शुद्ध पढ़ सकें। इसके लिए कई देशों के लाेग सक्रिय हो गए हैं। आज स्थिति यह है कि उद्घाटन अमेरिका में हो रहा है और समापन भारत में। सृुबह से लेकर शाम तक आनलाइन क्लास के माध्यम से लोगों को गीता पढ़ना सिखाया जा रहा है। अभी हाल में यह अभियान नेपाल में शुरू किया गया है। सभी देशों में इसे पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।


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