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यूपी रोडवेज में पर‍िचालकों की भारी कमी, गोरखपुर में खड़ी हुईं सौ बसें, कई रूटों पर बंद हुई बस सेवा

UP Roadways News उत्‍तर प्रदेश पर‍िवहन न‍िगम (रोडवेज) में इस समय परिचालकों की भारी कमी है। पर‍िचालकों की कमी के कारण केवल गोरखपुर क्षेत्र में ही सौ बसों का संचालन बंद हो गया है। कई रूटों पर रोडवेज की सेवा ठप हो गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 22 Nov 2022 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2022 08:05 PM (IST)
यूपी पर‍िवहन न‍िगम में इस समय पर‍िचालकों की भारी कमी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों से गांव और कस्बा को शहर से जोड़ने की योजना परवान चढ़ने से पहले ही धराशायी हो रही है। गांव और कस्बा की कौन कहे, शहरों में भी बसें कम पड़ गई हैं। परिचालकों के अभाव में मरम्मत के बाद भी करीब 100 बसें डिपो में खड़ी हैं। रोडवेज को न परिचालक मिल रहे और न बस सड़क पर निकल पा रही हैं। यह तब है जब परिवहन निगम मकर संक्रांति पर्व पर 650 अतिरिक्त बसों को संचालित करने की तैयारी कर रहा है। निगम के बेड़े में बसाें की संख्या बढ़ाने व डग्गामारी पर पूरी तरह अंकुश लगाने की लगातार कवायद चल रही है।

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इन रूटों पर बंद हुई सेवा

गोरखपुर परिक्षेत्र के उरुवा और खड्डा आदि लोकल रूटों पर बसों का टोटा है। गोरखपुर आवागमन करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक तो प्राइवेट वाहन (बस और टैक्सी आदि) नहीं मिल रहे, जो मिल रहे हैं वह भी मनमाना किराया वसूल रहे। ऊपर से सुरक्षा का संकट। रोडवेज बसों की कमी के चलते गोरखपुर में प्राइवेट वाहनों डग्गामार की चांदी है। प्राइवेट बसें बिहार ही नहीं पडरौना, देवरिया, रुद्रपुर, गोला, उरुवा, बड़हलगंज और सिकरीगंज मार्ग पर घड़ल्ले से चल रही हैं। जानकारों के अनुसार परिवहन निगम समय-समय पर जगह- जगह कैंप लगाकर संविदा पर चालकों की तैनाती तो कर ले रहा, लेकिन परिचालक नहीं मिल पा रहे। सेवायोजना के जेम पोर्टल के माध्यम से तैनाती की प्रक्रिया होने से संविदा परिचालक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में गोरखपुर परिक्षेत्र में 400 परिचालकों की कमी पड़ गई है।

बसों की भी है कमी

यहां जान लें कि परिवहन निगम के पास परिचालक ही नहीं बसों की भी कमी है। गोरखपुर परिक्षेत्र में 755 बसों में 470 निगम की हैं। निगम की लगभग 205 बसे अपनी उम्र खो चुकी हैं। करीब 80 बसें नीलाम करने योग्य हैं। मानक के अनुसार यह बसें अब चलने लायक नहीं हैं। इसके बाद भी मरम्मत कर चलाई जा रही हैं। निगम को न नई बसें मिल रही हैं और न अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ पा रही। सितंबर में 14 बसें मिली थीं, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान हैं।

गोरखपुर परिक्षेत्र में परिचालकों की कमी है। प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय लखनऊ को भेजा गया है। जल्द ही परिचालकों की तैनाती कर सभी बसों का संचालन सुनिश्चित कर दिया जाएगा। - पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक,  परिवहन निगम।


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