यहां दुकानदार बना रहा था मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, ऐसे हुआ खुलासा Gorakhpur News
गोरखपुर में एक दुकानदार द्वारा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस मामले की जांच कर र ही है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चरगांवा के गेट पर एक दुकानदार द्वारा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने का मामला प्रकाश में आया है। छात्रों की सूचना पर पीएचसी प्रभारी ने टीम के साथ दुकान पर जाकर देखा दर्जनों मोहर रखी थीं। इनमें सीएचसी व पीएचसी सहित कई डाक्टरों के नाम की मोहरें थीं। नोटरी बनाने की भी मोहर रखी थी। उन्होंने घटना की सूचना सीएमओ को दी है।
100 रुपये में दे रहा था सर्टिफिकेट
आइटीआइ चरगांवा में विभिन्न ट्रेडों के छात्र-छात्राओं का नामांकन शुरू है। दूसरे बैच के छात्र-छात्राओं का नामांकन 16 अगस्त से प्रारंभ है। नामांकन में छात्र-छात्राओं को मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा करना है। इसके लिए छात्र-छात्राएं भटक रहे हैं। कुछ छात्र अपने प्रमाण पत्रों की फोटोकापी कराने आइटीआइ गेट के पास एक दुकान पर गए तो उन्हें फिजिकल सर्टिफिकेट 100 रुपये में बन जाने की सूचना मिली।
काउंसिलिंग के दौरान प्रकाश में आया मामला
कई छात्रों ने प्रमाण पत्र बनवा लिया। काउंसिलिंग के दौरान यह प्रमाण पत्र पकड़ में आ गए। इसके बाद छात्र पीएचसी गए और पूरी कहानी पीएचसी प्रभारी को बताई। पीएचसी चरगांवा प्रभारी डॉ.धन्नंजय कुशवाहा ने बताया कि फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी मिली है। इसकी जानकारी सीएमओ को दी है। आइटीआइ में नामांकन कराने आए आशु गुप्ता, रजत सिंह, विजेंद्र यादव, विरेंद्र यादव, अभिषेक कुमार, अरविंद यादव आदि छात्रों ने बताया कि दुकानदार ने सौ-सौ रुपये लेकर मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनाया है।
प्रमाण पत्रों की जांच कराई जाएगी
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चरगांवा के प्रधानाचार्य सत्यकांत ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। नामांकन के समय जो भी मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र छात्र-छात्राओं ने जमा किए हैं। उन सभी प्रमाण पत्रों की जांच कराई जाएगी।