शहीद विजय की पत्नी ने कहा, सीएम योगी आदित्यनाथ पर है पूरा भरोसा
देवरिया के शहीद विजय की पत्नी विजय लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बातचीत न करने पर उन्होंने असंतोष जताा था।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया के शहीद विजय की पत्नी विजय लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बातचीत न करने पर उन्होंने असंतोष जताा था। इस बात को उन्होंने सार्वजनिक भी किया, लेकिन अब उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आने पर मुझे खुशी है, मुख्यमंत्री हमारे पति की शहादत पर मेरे घर आए व श्रद्धांजलि दी। यह अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मदद कर रही है। मेरे पति के नाम पर गांव में विकास होगा। उनके नाम से स्टेडियम, सड़क व गेट का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही मेरे शहीद पति के नाम से इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
छह दिन से गम में डूबी शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी दोपहर को अपने कमरे में बैठी थीं। वह कभी पति के फोटो को निहारती तो कभी बेटी आराध्या को गोद में लेकर दुलार देतीं। आंखों में आंसू नजर आ रहे थे। शहीद के पिता रामायण सिंह कुशवाहा कहते हैं कि मुख्यमंत्री आए व मेरे बेटे को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने जो आश्वासन दिया हैं, वह जल्द पूरा हो जाए, यह अच्छा रहेगा। परिवार के सदस्यों को जो लाभ देने का आश्वासन मिला है, उम्मीद है कि वह भी जल्द ही पूरा हो जाएगा। भाई अशोक कुशवाहा भी मुख्यमंत्री के आने पर खुश हैं। उन्होंने कहा कि मेरे शहीद भाई के नाम पर गांव व क्षेत्र में विकास कार्य होगा।
छपिया जयदेव में श्रद्धांजलि देने का लगा रहा तांता
छपिया जयदेव में मंगलवार को शहीद विजय कुमार मौर्य को श्रद्धांजलि देने का तांता लगा रहा। दरवाजे पर पहुंचे लोगों को देख पिता की आंखें भर आतीं। लोग उन्हें ढांढस बंधाते व फिर अपने आंखों में भी आंसू लिए वहां से विदा हो जाते। छपिया जयदेव निवासी व सीआरपीएफ जवान विजय कुमार मौर्य शहीद होने की खबर पाकर सोमवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे। शहीद विजय कुमार को श्रद्धांजलि दी और परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। हर दिन की तरह मंगलवार को तो शहीद के दरवाजे पर भीड़ लोगों की नहीं दिखी, लेकिन सुबह तेनुआ मैदान में दौड़ लगाने वाले युवकों की टोली पहुंची और शहीद को श्रद्धांजलि देने के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद दिन भर एका-दुक्का लोगों का आना-जाना शहीद के घर लगा रहा और लोगों ने शहीद विजय कुमार के चित्र पर पुष्पांजलि किया। दरवाजे पर बैठे जवान पुत्र को मुखाग्नि देने वाले शहीद के पिता रामायण सिंह कुशवाहा दरवाजे पर आने वाले लोगों के चेहरे को देखते और बातचीत करते-करते उनकी आंखों में आंसू आ जाता। लोगों उन्हें समझाते और फिर कुछ देर समय व्यतीत करने के बाद अपने घर को निकल जाते।