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कोविड संक्रमित शवों के लिए गांव के शवदाह स्थलों पर बनी अलग जगह Gorakhpur News

पंचायती राज विभाग ने गांवों के शवदाह स्थलों को दो भाग में बांट दिया है। आधे भाग में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार होगा शेष पर अन्य शवों का। विभाग द्वारा बनवाए गए 21 शवदाह स्थलों पर अलग व्यवस्था करने की रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 11:51 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 11:51 AM (IST)
गावों में बनाए गए शवदाह गृहों को दो भागों में बांट दिया गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अस्पताल में हो रही मौतों के बाद अधिकतर शवों का अंतिम संस्कार शहर के राजघाट पर ही हो रहा था लेकिन गांव में मृत लोगों का गांव के शवदाह स्थल पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

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ऐसे में पंचायती राज विभाग ने गांवों के शवदाह स्थलों को दो भाग में बांट दिया है। यहां आधे भाग में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार होगा, शेष आधे भाग पर अन्य शवों का। पंचायत राज विभाग द्वारा पिछले कुछ वर्षों में बनवाए गए 21 शवदाह स्थलों पर अलग व्यवस्था करने की रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई है।

पंचायती राज विभाग की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट

पिछले कुछ दिनों से जिले के अधिकतर ब्लाकों में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। कुछ गांवों में 10 से 12 दिनों में 14 से 15 लोगों का निधन हुआ है। इनमें से कुछ मौतों को तो सामान्य बताया जा रहा है लेकिन अधिकतर को गांव वाले कोरोना के कारण मान रहे हैं। गांव में इस बात की सूचना भी तेजी से फैल रही है कि कोरोना के कारण कई लोगों का निधन हो गया।

यदि मरने से पहले कोरोना से जुड़े लक्षण पाए गए थे तो घरवाले भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं। जहां शवदाह स्थल नहीं है, वहां भी किनारे ले जाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जहां पंचायती राज विभाग की ओर से शवदाह स्थल बनाए गए हैं, वहां कोरोना संक्रमित शवों के लिए अलग स्थान चिन्हित किया गया है। उस जगह को समय-समय पर सैनिटाइज भी कराया जाता है।

पंचायती राज विभाग की ओर से बनवाए गए शवदाह स्थलों पर कोविड संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए अलग व्यवस्था की गई है। शासन की ओर से भी इसकी सूचना मांगी गई थी। जिले में 21 शवदाह स्थलों पर ऐसी व्यवस्था हुई है, उसकी रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है। - हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी।


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