सात साल तक उत्पीड़ित करता रहा, पत्नी को जलाकर मार डाला, हुई उम्र कैद
शादी के बाद से ही उसने पत्नी को मारना पीटना शुरू कर दिया। उसके बाद उसने मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी। इससे उसकी मौत हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। पत्नी की हत्या का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नरेंद्र कुमार सिंह ने गोला थानाक्षेत्र के ग्राम चिलवां निवासी जितेंद्र चंद उर्फ मीटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी धीरेंद्र जायसवाल तथा शरदेंदु प्रताप नरायन सिंह का कथन था कि बांसगांव निवासी वादी मनोज सिंह ने अपनी बहन रीता सिंह की शादी 2003 में जितेंद्र चंद के साथ की थी। शादी के बाद से ही जितेंद्र चंद एवं उसके परिवार के लोग रीता को प्रताड़ित करने लगे। वह जब भी मायके आती थी तो ससुरालियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की शिकायत शिकायत करती थी। मायके के लोग उसे समझाते थे कि धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सात साल तक लगातार रीता का उत्पीड़न होता रहा। उसे कई बार मारा-पीटा भी गया। हालांकि इस संबंध में ससुरालियों से जब बात की गई। तो उन्होंने हर बार कहा कि अब कोई गलती नहीं होगी। मारपीट के बाद भी जब उसका मन नहीं भरा तो 27 अगस्त 2010 को शाम चार बजे अभियुक्त ने वादी की बहन की हत्या करने की नीयत से उसके शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। इससे उसकी बहन रीता पूरी तरह जल गई। उसने इलाज के दौरान बताया कि उसके साथ किस-किस तरह का अन्याय किया जाता रहा। उसने ससुरालियों से इस बारे में कई बार यह भी कहा कि हमारी गलती बताया जाय, ताकि उसे दूर किया जा सके। किसी ने कोई गलती नहीं बताई। उलटे उत्पीड़न करते रहे। वह अस्पताल में छह दिन जिंदा रही। इस दौरान उसने कठोर सजा दिलाने को कहा था। और आखिर में इलाज के दौरान ईलाज तीन सितंबर को रीता की मृत्यु हो गई।