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पर्यटन विकास में होटलों की जानकारी का पेंच

पर्यटन विभाग को नहीं पता क्षेत्र के होटलों का आकड़ा गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 05:10 PM (IST)
पर्यटन विकास में होटलों की जानकारी का पेंच

पर्यटन विभाग को नहीं पता क्षेत्र के होटलों का आकड़ा गोरखपुर : योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर को पर्यटन हब बनाने के लिए हर जतन किया जा रहा है। इसे लेकर गोरखपुर का क्षेत्रीय पर्यटन विभाग काफी सक्रिय भी है, लेकिन इन सबके बीच यह जानकर आश्चर्य होगा कि विभाग के पास होटलों का ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है, जिसके आधार पर वह यह तय कर सके कि कितने पर्यटकों को गोरखपुर में ठहराव के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

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ऐसा नहीं कि इसमें सिर्फ पर्यटन विभाग की गलती है। इसके लिए होटल प्रबंधन भी जिम्मेदार हैं, जो पर्यटन विभाग की नोटिस का संज्ञान नहीं ले रहे। पर्यटन विभाग की ओर इसे लेकर छह महीने से किए जा रहे प्रयास के बावजूद अभी तक केवल 25 फीसद होटलों ने ही अपने इंतजाम की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराई है। 75 फीसद होटलों की जानकारी से पर्यटन विभाग अनभिज्ञ है। ऐसे में वह पर्यटन से जुड़ी वार्षिक साख्यिकी कैसे तैयार करेगा, साथ ही पर्यटन विकास की योजना को कैसे आगे बढ़ाएगा, यह विभाग की पर्यटन तैयारियों पर बड़ा सवाल है। इसे लेकर होटल प्रबंधन पर शिकंजा कसने की विभाग ने एक बार फिर तैयारी की है। बीते छह महीने में दो बार नोटिस जारी कर चुका पर्यटन विभाग अब होटल प्रबंधन को अंतिम नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। इस बार जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विभाग की ओर से होटल प्रबंधन को मई के पहले सप्ताह का समय दिया जा रहा है। यदि इस बार तय अवधि में होटलों की ओर से जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई तो विभाग उनके खिलाफ जिलाधिकारी से कार्रवाई के लिए अनुरोध करेगा। मागी गई जानकारी में होटलों को यह बताना होता है कि उन्होंने अपना सराय एक्ट में पंजीकरण कराया है या नहीं। इसके अलावा ठहराव वाले कमरों की संख्या, खान-पान के मुकम्मल इंतजाम और पार्किंग की जानकारी भी उपलब्ध करानी होती है। इस दायरे में होटलों के अलावा गेस्ट हाउस और लॉज भी शामिल हैं।

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सराय एक्ट में पंजीकरण बड़ी बाधा

सराय एक्ट में पंजीकरण के लिए होटल, लॉज और गेस्ट हाउस प्रबंधन को खाद्य सुरक्षा, अग्नि शमन व्यवस्था को लेकर संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। इसके अलावा जिला प्रशासन से चरित्र प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना होता है। इन सबसे बचने के लिए प्रबंधन सराय एक्ट के तहत अपना पंजीकरण नहीं कराते। पर्यटन विभाग के मुताबिक प्रबंधन द्वारा जानकारी उपलब्ध न कराने के पीछे होटलों को सराय एक्ट में पंजीकरण से बचना ही है।

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जिले में पर्यटकों के रिहाइश के इंतजाम के आधार पर ही पर्यटन नीति तैयार की जाती है। ऐसे में होटलों द्वारा अपने इंतजाम से जुड़ी जानकारी उपलब्ध न करना नीति निर्माण में बाधा डालने के समान है। ज्यादातर होटल इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पहले भी इसे लेकर नोटिस भेजी जा चुकी है और अब अंतिम नोटिस भेजी जा रही है। इसके बाद जानकारी न देने वाले होटल के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के लिए संस्तुति कर दी जाएगी।

रवींद्र मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी


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