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UP board exam: स्कूलों ने नहीं दिया शिक्षकों का विवरण, सभी को नोटिस जारी Gorakhpur News

डीआइओएस का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले सभी विद्यालयों को नोटिस जारी कर दिया गया है। इन्हें पांच अप्रैल तक विवरण अपलोड कराने का अंतिम मौका दिया गया है। इस बार भी यदि यह शिथिलता बरतते हैं तो इनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 01:09 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 06:09 PM (IST)
UP board exam: स्कूलों ने नहीं दिया शिक्षकों का विवरण, सभी को नोटिस जारी  Gorakhpur News
डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर स्कूलों की लापरवाही भारी पड़ रही है। समय-समय पर बोर्ड द्वारा मांगी गई सूचनाओं को उपलब्ध कराने में स्कूलों की हीलाहवाली से तैयारियों में खलल पड़ रही है। बोर्ड ने कक्ष निरीक्षक, परीक्षक व अन्य कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए विद्यालयों से उनके यहां तैनात शिक्षकों का विवरण अपने वेबसाइट पर अपलोड कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए फरवरी से लेकर 25 मार्च तक की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद भी जिले में 491 में से 310 स्कूलों ने विवरण उपलब्ध नहीं कराया।

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310 स्कूलों ने बोर्ड को उपलब्ध नहीं कराई शिक्षकों की सूची

इस समय बोर्ड परीक्षा की तैयारी अंतिम चरण में हैं। ऐसे में बोर्ड द्वारा समय-समय पर स्कूलों से सूचनाएं मांगी जा रही हैं। इसी क्रम में स्कूलों से शिक्षकों का विवरण भी उपलब्ध कराने को कहा गया था। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी स्कूलों ने सूचना देने में रुचि नहीं दिखाई।

डीआइओएस से सभी स्कूलों को इस लापरवाही पर नोटिस जारी करते हुए पांच अप्रैल तक हर हाल में वेबसाइट पर शिक्षकों को विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही चेताया है कि इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित विद्यालयों से विवरण उपलब्ध नहीं कराने पर यह भी पूछा जाएगा कि जब शिक्षक ही नहीं तो शिक्षण कार्य कैसे होता है।

अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की चेतावनी

डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि स्कूलों द्वारा बोर्ड को शिक्षकों का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराना गंभीर मामला है। इसी आधार पर शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक व मूल्यांकन के दौरान परीक्षक के रूप में ड्यूटी लगती है। लापरवाही बरतने वाले सभी विद्यालयों को नोटिस जारी कर दिया गया है। इन्हें पांच अप्रैल तक विवरण अपलोड कराने का अंतिम मौका दिया गया है। इस बार भी यदि यह शिथिलता बरतते हैं तो इनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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