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सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर, सात टोले बाढ़ के पानी से घिरे

उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद देवरिया जिले में भी नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने का सिलसिला तेज हो गया है। शुक्रवार को सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:23 PM (IST)
सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर, सात टोले बाढ़ के पानी से घिरे
सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर, सात टोले बाढ़ के पानी से घिरे

देवरिया : उत्तराखंड में अतिवृष्टि के बाद देवरिया जिले में भी नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने का सिलसिला तेज हो गया है। शुक्रवार को सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। भदिला प्रथम गांव व विशुनपुर देवार के सात टोले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। 24 घंटे में नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच गई है। दोआबा में राप्ती और गोर्रा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

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बरहज संवाददाता के अनुसार विशुनपुर देवार के घिरे टोलो और भदिला प्रथम गांव के लोगों को आवागमन के लिए नाव की आवश्यकता है। तटवर्ती गांव के लोग अभी बाढ़ की समस्या से उबर नहीं पाए थे कि उनके सामने दोबारा बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। सरयू नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से ऊपर 67.50 मीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर में 70 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 70 सेंटीमीटर वृद्धि हुई है। कपरवार में राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा रहा है। अचानक जलस्तर बढ़ने से विशुनपुर देवार का स्कुलहिया टोला,कतलहिया टोला,हरिजन बस्ती, चौहान टोला, लोहार टोला, जरलहवा टोला, बांके टोला बाढ़ के पानी से गिर गए है। बाढ़ का पानी मुख्य बंधे पर भी दबाव बना रहा है। भदिला प्रथम गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है। यहां के लोगों को आवागमन के लिए नाव की आवश्यकता है। लोग निजी नाव से आवागमन कर रहे हैं। कपरवर संगम तट से लेकर कटइलवा तक बाढ़ खंड द्वारा कटान से बचाव के लिए कराए गए कार्यों पर कटान शुरू हो गया है। भदिला प्रथम गांव में दोबारा जलस्तर बढ़ने से आना जाना कठिन हो गया है। गांव के अनिल पासवान, शिवचंद यादव, कमलेश यादव ने बताया कि बाढ़ का पानी घटने के बाद लोग राहत महसूस कर रहे थे। दोबारा पानी बढ़ जाने से गांव का संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गया है। उपजिलाधिकारी बरहज ध्रुव कुमार शुक्ल ने बताया कि उत्तराखंड में बाढ़ का पानी छोड़े जाने से सरयू और राप्ती नदी के जल स्तर में वृद्धि हुई है। अगले 24 घंटे में नदी का जलस्तर घटने की उम्मीद है। राजस्व कर्मियों से बाढ़ के पानी से घिरे टोलें पर नाव की जरूरतों की सूचना मांगी गई है। जहां आवश्यकता होगी नाव लगाई जाएगी। भागलपुर में पचास सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू

भागलपुर: पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हो रही मूसलधार बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में उफान है। भागलपुर में सरयू नदी 50 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देवरहा बाबा आश्रम को जाने वाली सड़क पर अब सरयू नदी के पानी बहने लगा है। जिसके चलते लोगों को आश्रम आने-जाने में दिक्कत उत्पन्न होने लगी है। खतरे के निशान से दो मीटर दूर राप्ती

रुद्रपुर : दोआबा में राप्ती और गोर्रा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदियां खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान नदियों के जलस्तर में करीब एक मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। शुक्रवार की शाम राप्ती गेज प्वाइंट भेड़ी के समीप 68.50 मीटर पर और गोर्रा 68.00मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। वहीं गुरुवार की शाम गेज प्वाइंट पर राप्ती 67.50 और गोर्रा 67.20 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। दोनों नदियों के खतरे का निशान 70.50 मीटर है।


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